Ujjain Mahakal Corridor News: उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। महाकाल मंदिर कारिडोर में 25 फीट ऊंचा चांदी का ध्वज लगाया जाएगा। दिल्ली के दानदाता ने ध्वज लगाने के लिए सहमति प्रदान कर दी है। एक दो दिन में ध्वज स्थापना के लिए स्थल निरीक्षण किया जाएगा। स्थान चयनित होने के बाद ध्वजदंड के लिए स्टैंड बनाने का काम शुरू होगा।
ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में चांदी का ध्वज लगाने की परंपरा है। मंदिर के शिखर पर केसरिया ध्वज के साथ चांदी का ध्वज स्थापित है। श्रावण मास में निकलने वाली भगवान महाकाल की सवारी में सबसे आगे चांदी का ध्वज निकाला जाता है। मंदिर समिति द्वारा आयोजित शैव महोत्सव का प्रतीक भी चांदी का ध्वज ही था। मंदिर समिति अनादिकालीन परंपरा को आगे बढ़ाते हुए कारिडोर में भी 25 फीट ऊंचा चांदी का ध्वज लगाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए दिल्ली के उद्योगपति अमिताभ गुप्ता ने स्वीकृति प्रदान की है। ध्वज की साइज तथा उस पर मांगलिक चिन्हों के अंकन के लिए समिति ने प्रबंध समिति सदस्य पुजारी प्रदीप गुरु को जिम्मा सौंपा है। वे दानदाता के साथ मिलकर ध्वज को अंतिम रूप प्रदान करेंगे।
धर्म तथा विजय का प्रतीक है ध्वजः ज्योतिषाचार्य पं.अमर डब्बावाला ने बताया सनातन धर्म परंपरा में त्रिकोण व चतुर्भुज ध्वज की अलग-अलग व्याख्या की गई है। सामान्यतः ध्वज मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की प्रार्थना को विजय के रूप में परिणित करने की एक शास्त्रीय व्यवस्था है। धर्म ध्वजा में ब्रह्मा, विष्णु, रूद्र के साथ महासरस्वती, महालक्ष्मी तथा महाकाली का वास माना गया है। मान्यता है कि ध्वज आरोहण से सृष्टि के संचालन में सहायक उक्त त्रिगुणात्मक सत्ता का लाभ मिलता है। साथ ही तीनों शक्तियों की कृपा से नगर, प्रदेश तथा राष्ट्र में सुख, शांति, समृद्धि तथा खुशहाली बनी रहती है।
आठ किलो चांदी से निर्मित होगा ध्वजः दानदाता अमिताभ गुप्ता ने नईदुनिया से चर्चा में बताया कि महाकाल कारिडोर में स्थापित करने के लिए ध्वज निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ध्वज निर्माण में सात से आठ किलो चांदी का उपयोग होगा। ध्वज पर मंदिर समिति के निर्देशानुसार शुभ, मांगलिक चिन्हों का अंकन किया जाएगा। ध्वज दंड मिक्स धातु का बनेगा। ध्वज की आकृति 55 बाय 30 इंच की रहेगी।