Ashtami Puja 2022: उज्जैन। उज्जैन शहर के प्राचीन देवी मंदिरों में शुमार गढ़ कालिका माता मंदिर में महाअष्टमी पर सोमवार रात 12 बजे माता गढ़ कालिका की महा आरती होगी। कुल परंपरा अनुसार छह वर्षीय महंत आदित्यनाथ माता की आरती करेंगे। वर्तमान में उनकी माता टीना नाथ मंदिर की शासकीय पुजारी हैं।
गढ़कालिका माता मंदिर में वंश परंपरा अनुसार पुजारी की नियुक्ति होती है। छह वर्षीय आदित्यनाथ वंश परंपरा की पांचवीं पीढ़ी के महंत हैं। महंत आदित्यनाथ के पिता पर्व पुजारी स्व. दीपकनाथ का वर्ष 2017 में निधन हो गया था। उसके बाद शासन ने बालक आदित्यनाथ की माता टीना नाथ को मंदिर में पुजारी पद पर नियुक्ति प्रदान की। इसके बाद से टीना नाथ मंदिर में माता की आरती पूजा कर रही हैं, उनके सानिध्य में बाल महंत पूजन विधि सीख रहे हैं। इस बार वें महाअष्टमी पर अपनी मां के साथ माता गढ़कालिका की आरती करेंगे।
महाकाल सवारी का मिनट टू मिनट कार्यक्रम तैयार कर रही समिति
उज्जैन। विजया दशमी पर बुधवार को निकलने वाली भगवान महाकाल की सवारी भव्य होगी। मुख्य आकर्षण महाकाल लोक के दर्शन कराती मनमोहक झांकिया, विभिन्न राज्यों से आए वाद्य दल, बैंड आदि रहेंगे। सवारी की दिव्यता व भव्यता तथा मार्ग विस्तार के विचार को देखते हुए मंदिर समिति इसका मिनट टू मिनट कार्यक्रम तैयार कर रही है, ताकि भगवान महाकाल की पालकी रात 10.30 बजे होने वाली शयन आरती से पहले मंदिर पहुंच सके।
महाकाल लोक के लोकार्पण का उत्सव दशहरे पर निकलने वाली भगवान महाकाल की सवारी के साथ शुरू होगा। शासन व प्रशासन महामहोत्सव को अविस्मरणीय बनाने के लिएजतन कर रहा है। इसके लिए सवारी को भव्य रूप प्रदान किए जाने की योजना तैयार की गई है। शनिवार को मंदिर कार्यालय में हुई जनप्रतिनिधि, मंदिर समिति सदस्य, पुजारी, पुरोहित समिति के अध्यक्ष तथा अधिकारियों की बैठक में सवारी को राजसी वैभव से निकालने के लिए अनेक सुझाव प्राप्त हुए हैं।
इसमें दशहरा मैदान पर शमी पूजन के बाद सवारी के मंदिर लौटते समय शहर के एक बड़े हिस्सों को जोड़ने के लिए इसके मार्ग को विस्तृत रूप प्रदान करने का सुझाव भी आया है। बैठक में इस सुझाव का अधिकांश सदस्यों ने समर्थन किया। इसके बाद पालकी को शयन आरती से पहले मंदिर लाने के लिए कार्यक्रम निर्धारित किया जा रहा है। मामले में महाकाल सेना ने प्रशासन से आग्रह किया है कि मार्ग विस्तार में पालकी की सुरक्षा आदि का पूर्ण ध्यान रखा जाना चाहिए। संपूर्ण मार्ग पर बैरिकेडिंग होना चाहिए, ताकि भक्तगण सुविधा से भगवान महाकाल के दर्शन कर सकें।