Shipra River Ghat Ujjain: उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। शिप्रा नदी में डूबने से बीते 10 दिनों में हुई 12 लोगों की लोगों की मौत के बाद कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम शुक्रवार को रामघाट, नृसिंह घाट, सिद्धाश्रम घाट, भूखी माता घाट पर सुरक्षा इंतजाम जांचने पहुंचे। उन्होंने जनसुरक्षा के मद्देनजर नदी का जल स्तर कम करने, घाट पर सैफ्टी चेन लगाने, लाइफ जैकेट की संख्या बढ़ाने और स्नान कर रहे लोगों को बार-बार सिटी बजाकर चेतावनी देने के निर्देश दिए।
होमगार्ड कमांडेंट संतोषकुमार जाट ने उन्हें बताया कि सिद्धाश्रम घाट पर सबसे ज्यादा डूबने की घटनाएं होती हैं। इस पर कलेक्टर ने यहां स्नान पर रोक लगाने, घाट पर परमानेंट बैरिकेडिंग करने के निर्देश दिए। यह भी कहा कि कोई प्रतिबंध के बावजूद स्नान करने आए तो उससे जुर्माना वसूलो। उन्होंने घाट की पेढ़ियों पर जमी काई साफ करने, नदी में गश्त बढ़ाने, नदी में पानी कितना गहरा है, इसका सूचना संकेतक बोर्ड लगाने के निर्देश भी दिए। निरीक्षण के समय महापौर मुकेश टटवाल, नगर निगम आयुक्त रोशन कुमार सिंह, एसडीएम कल्याणी पांडेय साथ थीं।
होमगार्ड कमांडेंट ने नईदुनिया से कहा कि अब तक रामघाट पर डूबते लोगों को बचाने के लिए हाेमगार्ड के 20 जवान तीन शिफ्ट में तैनात थे। अब संख्या 32 होगी। लगातार हो रही घटना को ध्यान में रख 12 जवान ओर बढ़ाए जा रहे हैं। आगे से काई अनहोनी न हो, इसके लिए गश्त भी बढ़ाई जाएगी और सुरक्षा के अन्य इंतजाम भी किए जा रहे हैं।
रामघाट और दत्त अखाड़ा घाट पर पेढ़ियों से उतरने के बाद पानी कितना गहरा है। कलेक्टर द्वारा ये सवाल पूछे जाने पर कोई अफसर जवाब न दे पाया। इस पर तैराक विनोद चौरसिया ने नदी में उतरकर नदी की गहराई बताई। बताया कि दोनों घाट में भारी भिन्नता है। रामघाट पर अंतिम पेढ़ी से उतरने के बाद गहराई 5 फीट है तो दत्त अखाड़ा घाट पर केवल 3 फीट। इस पर कलेक्टर ने दोनों घाट के किनारे पानी की गहराई कितनी है, इसका सूचना बोर्ड लगाने के निर्देश दिए। बता दें कि नदी का जल स्तर मापने को रामघाट या उसके आसपास कोई भी मीटर नहीं लगा रखा है।