नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन(President Ujjain Visit)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के गर्भगृह में पूजन और अभिषेक किया। इसके बाद उन्होंने नंदी हॉल में बैठकर ध्यान भी लगाया। झांझ-डमरू की ध्वनि से उनका स्वागत किया गया। राष्ट्रपति के आगमन पर आज महाकाल मंदिर का विशेष शृंगार किया गया।
इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, राज्यपाल मंगुभाई पटेल और सीएम डॉ. मोहन यादव ने महाकाल मंदिर प्रांगण में झाडू लगाकर श्रमदान किया। राष्ट्रपति पहली बार महाकाल मंदिर के दर्शन करने पहुंची थीं। राष्ट्रपति ने महाकाल लोक में मूर्ति निर्माण का कार्य कर रहे ओडिशा के कलाकारों से भी चर्चा की।
इसके पहले राष्ट्रपति ने स्वच्छता मित्रों का सम्मान किया। उन्होंने कहा कि मैं स्वच्छता मित्रों को सभी देशवासियों की ओर से धन्यवाद देती हूं। आपकी ही वजह से यह स्वच्छता अभियान व्यापक हुआ है।
राष्ट्रपति ने इंदौर-उज्जैन सिक्सलेन रोड निर्माण कार्य का शुभारंभ कर शिलान्यास भी किया। उन्होंने कहा कि महाकाल की इस धरती को मैं नमन करती हूं। यहां सस्कृति की परंपरा सदियों से कायम है।
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में स्वच्छता कर्मचारियों को केंद्र सरकार द्वारा उनके शहर को दी गई रेटिंग के हिसाब से रुपये दिए जाएंगे। जिस शहर की रेटिंग एक हो उसके सभी सफाईकर्मियों को एक हजार रुपये, दो रेटिंग वालों को दो हजार रुपये। उज्जैन को तीन रेटिंग मिली है, इसलिए यहां के सफाईकर्मियों को 3 हजार रुपये दिए जाएंगे।
द्रोपदी मुर्मु, यहां आने वाली देश की 10वीं राष्ट्रपति हैं। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु के पहले क्रमश: रामनाथ कोविन्द, प्रणब मुखर्जी, प्रतिभा पाटिल, केआर नारायणन, शंकरदयाल शर्मा, आर वेंकटरमन, ज्ञानी जेल सिंह, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन और डा. राजेन्द्र प्रसाद उज्जैन आ चुके हैं।
दरअसल, ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर के दर्शन की अभिलाषा और अखिल भारतीय कालिदास समारोह की ख्याति राष्ट्रपतियों को उज्जैन की ओर आकर्षित करती आई है। पिछली बार 29 मई 2022 में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द आए थे। उनके साथ पत्नी सविता और बेटी स्वाति भी आईं थीं।
वे अपने विवाह की 48वीं वर्षगांठ से एक दिन पहले कालिदास संस्कृत अकादमी में रखे अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन के 59वें अधिवेशन में बतौर मुख्य अतिथि सम्मिलित हुए थे। तीनों ने महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह से ज्योतिर्लिंग महाकाल का अभिषेक-पूजन किया था।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की पहली उज्जैन यात्रा है। इसमें उन्होंने महाकालेश्वर मंदिर में अभिषेक-पूजन किया। इसके बाद स्वच्छता पखवाड़ा अंतर्गत मंदिर परिसर में श्रमदान किया।
महाकाल महालोक का भ्रमण कर यहां पाषण से भगवान शिव और सप्त ऋषि की मूर्तियां बना रहे पुरी (ओडिसा) के शिल्पकार अक्षय महाराणा, आदित्य महाराणा, ईश्वरचंद्र महाराणा, प्रमोद ओझा से संवाद किया।
पूर्व राष्ट्रपति केआर नारायण जब महाकाल मंदिर में पूजन-अभिषेक करने आए थे तब भगवान महाकाल नगर भ्रमण पर रामघाट पहुंच गए थे। दरअसल वो दिन महाकाल सवारी का था। मामला तब काफी चर्चित हुआ था।
प्रोटोकाल अनुरूप राष्ट्रपति की सुरक्षा के उज्जैन में कड़े बंदोबस्त किए गए थे। राष्ट्रपति जहां जाएंगी और जिन मार्गों से गुजरेंगी वहां निगरानी के लिए 1500 से अधिक जवानों की तैनात रहे। पूरे मार्ग, कार्यक्रम स्थल और मंदिर परिसर को सजाया-संवारा गया।