Nagda District : नागदा जंक्शन (नईदुनिया न्यूज)। नागदा को जिला बनाने की मुख्यमंत्री की घोषणा के 12 दिन बाद दावा आपत्ति के लिए शासन ने आदेश जारी कर दिए। जिला बनना अब तय हो गया है। अब श्रेय की राजनीति प्रारंभ हो गई। सूचना आते ही भाजपा-कांग्रेस दोनों ने आतिशबाजी कर शहर में जुलूस निकालकर मिठाइयां वितरित की। भाजपा ने आरोप लगाया कि जिन लोगों ने मुख्यमंत्री की घोषणा का झुनझुना बजाकर मजाक उड़ाया था, वही लोग आज प्रक्रिया प्रारंभ होने पर खुशियां मनाकर झूठा श्रेय लेने का प्रयास कर रहे हैं।
नागदा को जिला बनाने की मांग लगभग 15 वर्षों से चली आ रही है। 20 जुलाई को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करोड़ों रुपये के विकास कार्यों के लोकार्पण व भूमिपूजन के लिए शहर में आए थे। सांसद अनिल फिरोजिया व पूर्व विधायक दिलीपसिंह शेखावत की मांग पर मुख्यमंत्री ने जिला बनाने की घोषणा कर दी। शेखावत ने मंगलवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि जो लोग मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद झुनझुना बजाकर घोषणा व सरकार का मजाक उड़ा रहे थे, वही आज श्रेय के लिए आगे आकर आतिशबाजी व जुलूस निकालकर नौटंकी कर रहे हैं।
विधायक पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि चार बार के विधायक होने के बाद भी वह जनता को सही जानकारी नहीं दे रहे हैं। जिला बनाने के लिए कोई गजट नोटिफिकेशन नहीं हुआ है। अभी सिर्फ दावे-आपत्ति के लिए आदेश हुए हैं। इसके बाद कैबिनेट में प्रस्ताव पारित होगा। पश्चात गजट नोटिफिकेशन होगा। फिर जिला बनाने की घोषणा होगी। विधायक ने मांग की थी कि कलेक्टर, एसपी की पद स्थापना की जाए। उन्हें शायद नियम की जानकारी नहीं है। तभी ऐसी बात कर रहे थे।
दावे-आपत्ति के आदेश की सूचना आते ही विधायक दिलीपसिंह गुर्जर के निवास स्थान पर आतिशबाजी कर पत्रकारों से चर्चा कर विधायक गुर्जर ने जिला बनाने की प्रक्रिया प्रारंभ करने पर मुख्यमंत्री चौहान का आभार माना। जिला बनाने की मांग को लेकर कन्याशाला चौराहे पर चल रहे कांग्रेस के धरने पर जाकर वहां भी आतिशबाजी की।
वहां विधायक गुर्जर का कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया। डीजे के साथ शहर में वाहन रैली निकाली गई। शाम 5 बजे महात्मा गांधी मार्ग स्थित भाजपा कार्यालय पर पूर्व विधायक दिलीपसिंह शेखावत ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राज्यपाल डा. थावरचंद गेहलोत, सांसद अनिल फिरोजिया, प्रभारी मंत्री जगदीश देवड़ा, मोहन यादव एवं जिलाध्यक्ष बहादुरसिंह बोरमुंडला का आभार माना। आतिशबाजी के बाद शहर में पैदल जुलूस निकाला।
जिला बनाने के लिए दावे-आपत्ति के आदेश जारी होने के बाद उनमें मायूसी है जो 15 किमी दूरी पर जिला बनने का विरोध कर 65 किमी दूर जाने के लिए तैयार थे। इसके पीछे सिर्फ राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता ही थी। खाचरौद के वरिष्ठ भाजपा नेता विरोध के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे। चर्चा है कि कांग्रेस के इशारे पर भाजपा के वरिष्ठ नेता मैदान में आ गए थे। नागदा-खाचरौद, उन्हेल-खाचरौद विकासखंड में शामिल है। यह अलग नहीं हो सकते तो फिर खाचरौद में किस बात का विरोध किया जा रहा है।