Navratri 2022: आगर-मालवा के महादेव मंदिर में विराजी हैं मां महिषासुर मर्दिनी
Navratri 2022: शहर में माता के कई प्रसिद्ध व चमत्कारी मंदिर हैं, इनमें से मां महिषासुर मर्दिनी व बिजासन माता के मंदिर में ऐसे हैं जहां दर्शनार्थियों का सैलाब उमड़ता हैं। मंदिर का जीर्णोद्धार करीब 150 वर्ष पूर्व हुआ था।
By Sameer Deshpande
Edited By: Sameer Deshpande
Publish Date: Fri, 30 Sep 2022 11:49:03 AM (IST)
Updated Date: Sat, 01 Oct 2022 08:57:23 AM (IST)
Navratri 2022: प्रदीप अजमेरा, आगर मालवा। नवरात्र महोत्सव के चलते पुरा शहर मातारानी की भर्ती में डूबा हुआ हैं। मां दुर्गा व उनके विभिन्न रूपों वालें मंदिरों में सुबह से लेकर देर रात तक दर्शनार्थियां की भीड़ रहती हैं। चारों और माता के भजन सुनाई देते हैं तो देर रात तक बालिकाएं गरबा व डांडिया करके माता को प्रसन्न कर रही हैं। शहर में माता के कई प्रसिद्ध व चमत्कारी मंदिर हैं, इनमें से मां महिषासुर मर्दिनी व बिजासन माता के मंदिर में ऐसे हैं जहां दर्शनार्थियों का सैलाब उमड़ता हैं।
12वीं सदी की बताई जाती हैं मूर्ति
गोपाल मंदिर परिसर में त्रयंबकेश्वर महादेव का प्राचीन मंदिर हैं, मंदिर के गर्भगृह में सामने की और मां महिषासुर मर्दिनी की संगमरमर की प्रतिमा हैं, जिसके बारे में कहा जाता हैं कि यह प्रतिमा 12वीं सदी के लगभग की हैं। बैजनाथ महादेव प्रबंध सेवा समिति के पूर्व सदस्य व ज्योतिषाचार्य पं. प्रेमनारायण शर्मा गुरू बताते हैं कि मां महिषासुर मर्दिनी व गोपाल मंदिर के सामने स्थित कंम्छादेवी मंदिर मठ के अंन्तर्गत आते हैं।
शर्मा ने बताया कि नाथ संप्रदाय के लोग यहां रहा करते थे, उनके समकालीन ही यह प्रतिमा हैं। कंम्छादेवी व माता महिषासुर मर्दिनी दोनों की प्रतिमा संगमरमर की हैं तथा दोनों में काफी समानता हैं, जिससे यह पता लगता है कि दोनों प्रतिमाओं की स्थापना एक ही समय पर हुई थी।
मंदिर का जीर्णोद्धार करीब 150 वर्ष पूर्व हुआ था। यह मंदिर ज्वालामुखी पत्थरों से निर्मित है। श्रीराम सेना से जुड़े पार्षद मनीष सोलंकी ने बताया कि प्रतिमा संगमरमर की हैं तथा माता के पैरों में महिषासुर राक्षस स्पष्ट नजर आता हैं। माता के प्रति लोगों की गहरी आस्था हैं तथा कई चमत्कार यहां के भक्तों ने देखे हैं। पार्षद सोलंकी ने बताया कि सामान्यत: शिव मंदिरों में मां पार्वती व सती की मूर्ति ही नजर आती है, लेकिन शहर का यह ऐसा मंदिर हैं, जहां मां महिषासुर मर्दिनी की प्रतिमा है।
घाटी नीचे झंडा चौक के सामने नानूराम रेकवाल के मकान में मां बिजासन का प्रसिद्ध मंदिर हैं। मंदिर का निर्माण हुए 27 वर्ष से अधिक का समय हो चुका हैं। इस स्थान से कुछ दूरी पर प्राचीन मंदिर था, जहां लोग माता के दर्शन करने के लिए आते हैं। मंदिर में मां बिजासन की संगमरमर की प्रतिमा हैं, वहीं मंदिर रंग बिरंगे कांच से बना हुआ हैं। इस मंदिर में भी दर्शनार्थियों की भीड़ उमड़ती हैं। मंदिर में होने वाली आरती में भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं।