Mahakal Temple : भगवान महाकालेश्वर को अर्पित पंचामृत जल उपचार के बाद श्रद्धालुओं को हो उपलब्ध- महापौर
एक कार्य योजना समझने के बाद उसके क्रियान्वयन को धरातल पर उतारने के लिए महापौर ने कलेक्टर को पत्र लिखा है।
By Nai Dunia News Network
Edited By: Nai Dunia News Network
Publish Date: Thu, 01 Jun 2023 09:44:28 PM (IST)
Updated Date: Fri, 02 Jun 2023 12:09:33 PM (IST)
Mahakal Temple : उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल को अर्पित पंचामृत जल उपचार के बाद श्रद्धालुओं को उपलब्ध हो। ये मंशा महापौर मुकेश टटवाल ने कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम को लिखे एक पत्र के माध्यम से व्यक्त की है। उन्होंने दूसरे चरण में शिप्रा नदी का पानी पीने योग्य बनाने के लिए भी प्लांट लगाने की आवश्यकता महसूस की है।
दरअसल, गुरुवार को सिंगापुर के जल वैज्ञानिक डा. शैलेश खरकवाल ने शिप्रा नदी के पानी को पीने योग्य बनाने के लिए अपनी योजना का प्रस्तुतीकरण महापौर मुकेश टटवाल, नगर निगम आयुक्त रोशन कुमार सिंह, जल कार्य एवं सीवरेज विभाग के प्रभारी सदस्य रहे शिवेन्द्र तिवारी के समक्ष दिया था।
उन्होंने बताया था कि एक प्लांट लगाकर कैसे 11 लाख रुपये खर्च कर 10 हजार लीटर पानी पीने योग्य बनाया जा सकता है। कार्य योजना समझने के बाद उसके क्रियान्वयन को धरातल पर उतारने के लिए महापौर ने कलेक्टर को पत्र लिखा।
महापौर ने बताया कि कानीपुरा मार्ग पर स्थित सुजलाम मल्टी के वेस्ट वाटर काे उपचारित कर पुनः उपयोग करने हेतु भी प्लांट लगाया का सकता है। ये पानी उद्यान के पेड़-पौधोें आदि मे उपयोग किया जाएगा। पत्र लिखा है कि भगवान श्री महाकालेश्वर का श्रद्धालुओं द्वारा प्रतिदिन पंचामृत से अभिषेक किया जाता है एवं अर्पण किए पंचामृत को व्यर्थ ही बहा दिया जाता है।
भगवान श्री महाकालेश्वर को अर्पित किये जाने वाले पंचामृत के सदुपयोग को दृष्टिगत रखते हुये पंचामृत का उपचार कर प्रसाद स्वरूप श्रद्धालुओं में वितरण किए जाने पर विचार किया जा सकता है। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की आगामी बैठक में इस विषय को शामिल कर नगर निगम को इस संबंध में कार्ययोजना (प्रोजेक्ट) तैयार करने एवं क्रियान्वयन की सैद्धांतिक स्वीकृति अपेक्षित है।