Mahakal Temple : उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में 24 अप्रैल को एक व्यक्ति ने पांच श्रद्धालुओं से पांच हजार रुपये लेकर अनाधिकृत रूप से गर्भगृह में प्रवेश कराया। शहर कांग्रेस कमेटी ने मामले को उजागर किया तथा कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम से मामले की शिकायत की। इस पर कलेक्टर ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच कराई। शिकायत सही पाई गई। मंदिर समिति अब रुपये लेकर गर्भगृह में प्रवेश कराने वाले व्यक्ति पर कार्रवाई करेगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 24 अप्रैल को दोपहर एक से दो बजे के बीज सोला पहने एक व्यक्ति ने चांदी द्वार के सामने पांच लोगों से गर्भगृह में प्रवेश कराने के लिए चार हजार रुपये की मांग की। सौदा पक्का होने के बाद पुजारी की वेशभूषा में घूम रहा व्यक्ति उन पांचों श्रद्धालुओं को चांदी द्वार से गर्भगृह में लेकर गया और दर्शन कराए।
जिस समय यह घटनाक्रम हुआ, युवा कांग्रेस नेता संतोष दरबार दर्शन की कतार में खड़े हुए थे। उन्होंने स्वयं सारी घटना को देखा और बाहरी व्यक्ति को ऐसा करने से रोकने का प्रयास भी किया। इस पर दोनों के बीच कहासुनी भी हुई।
बाद में संतोष दरबार ने सारा घटनाक्रम कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता विवेक गुप्ता को बताया। गुप्ता ने मंदिर प्रशासक संदीप कुमार सोनी व कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम को जानकारी दी। कलेक्टर ने आश्वस्त किया कि सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग देखकर जांच की जाएगी। मंगलवार को कलेक्टर ने कैमरे के फुटेज मंगवाए तथा संतोष दरबार के सामने पड़ताल की। दरबार ने बाहरी व्यक्ति को पहचान लिया तथा सारा घटनाक्रम स्पष्ट दिखाई दिया। इसके बाद कलेक्टर ने संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
सशुल्क दर्शन व्यवस्था तुरंत बंद होना चाहिए
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता विवेक गुप्ता ने बताया कि महाकाल मंदिर में सशुल्क दर्शन व्यवस्था नासूर बनती जा रही है। मंदिर समिति के लाख प्रयास के बावजूद मंदिर में श्रद्धालुओं के साथ ठगी की घटना कम नहीं हो पा रही है। यात्री बाहर से हजारों रुपये खर्च कर जब उज्जैन आ जाता है, तो मजबूरी में गर्भगृह से दर्शन करने के लिए रुपय देता है। अर्थवादी दर्शन व्यवस्था से श्रद्धालु अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं। मंदिर समिति को रुपय लेकर दर्शन कराने की व्यवस्था तुरंत बंद करना चाहिए। कांग्रेस इस विषय में व्यापक रणनीति बनाएगी।