Mahakal Temple: धीरज गोमे, उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में प्रवेश के लिए बुधवार को चार नए रास्ते खोल दिए गए। अधिकांश लोगों ने मंदिर के दक्षिण क्षेत्र में बने 'श्री महाकाल लोक" के नंदी द्वार से प्रवेश कर अवंतिकानाथ के दर्शन किए। भीतर जाकर श्रद्धालुओं ने आनंद और उल्लास की अनुभूति की, मगर गर्भगृह में विराजित भगवान महाकालेश्वर के दर्शन करने में उन्हें घंटाभर अधिक लगा।
भक्तों में यह चर्चा रही कि अब दर्शन करने में अधिक समय लगेगा। "नईदुनिया' ने इस विषय को लेकर उज्जैन स्मार्ट सिटी कंपनी के सीईओ आशीष पाठक से चर्चा की। उन्होंने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर में प्रवेश के लिए श्री महाकाल लोक के नंदी द्वार के साथ चार नए रास्ते खोले हैं। शीघ्र दर्शन के लिए पुराने पांच रास्ते भी पूर्ववत चालू हैं। जिन श्रद्धालुओं को शीघ्र दर्शन करना हैं वे पुराने परंपागत पांच मार्गों में से कोई एक से आएं और जिन्हें मंदिर परिसर के नवविस्तारित क्षेत्र का अवलोकन करना है, वे भगतसिंह मार्ग होकर या हरिफाटक ब्रिज उतरकर त्रिवेणी संग्रहालय के सामने से नंदी द्वार के रास्ते आएं।
महाकाल लोक लोकार्पण के बाद ये नए चार रास्ते, दर्शन करने में 30 से 40 मिनट तक लगेंगे
1. हरिफाटक ब्रिज की पश्चिमी भुजा से उतरकर त्रिवेणी संग्रहालय के समीप बने नंदी द्वार के रास्ते
2. हरिफाटक ब्रिज की पश्चिमी भुजा से उतरकर चारधाम मंदिर पहुंच मार्ग पर बने पिनाकी द्वार के रास्ते
3. हरिफाटक ब्रिज के नीचे स्थित भगतसिंह मार्ग होकर नंदी द्वार के रास्ते
4. महाराजवाड़ा भवन के सामने बने प्राचीन महाकाल द्वार के रास्ते
परंपरागत इन पांच मार्गों से भी कर सकते मंदिर में प्रवेश, दर्शन करने में 15 से 20 मिनट तक लगेंगे
1. महाकालेश्वर मंदिर के ठीक सामने पूर्व दिशा में तोपखाना, कोट मोहल्ला मार्ग के रास्ते
2. महाकालेश्वर मंदिर के पश्चिम में स्थित हरिसिद्धि मंदिर के सामने से गुजरकर बड़ा गणेश मंदिर के सामने बने वीआइपी और शंख द्वार के रास्ते
3. हरिफाटक ब्रिज के उत्तरी छोर से उतरकर अहिल्या बाई मार्ग से जुड़े सरस्वती शिशु मंदिर महाकालपुरम् स्कूल पहुंच संकरे मार्ग के रास्ते
4. हरिफाटक ब्रिज के उत्तरी छोर पर उतर अहिल्या बाई मार्ग से जुड़े बेगमबाग मार्ग पर बनाए नीलकंठ द्वार के रास्ते
5. बड़ा गणेश मंदिर के आगे घाटी चढ़कर गेट नंबर चार और पांच के रास्ते
अब भीड़ प्रबंधन में नहीं होगी परेशानी
सिंहस्थ, महाशिवरात्रि, नागपंचमी सहित विशेष अवसरों पर श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ बढ़ने पर महाकालेश्वर मंदिर पहुंचने के लिए पांचों परंपरागत मार्ग संकरे पड़ने लगे थे तो प्रशासन को भीड़ प्रबंधन में परेशानी महसूस होने लगी थी। समाधान स्वरूप उज्जैन स्मार्ट सिटी कंपनी और महाकाल मंदिर प्रबंध समिति ने मार्गों के चौड़ीकरण के साथ नए मार्ग तैयार करने की योजना बनाई। मंजूरी लेकर परियोजना को धरातल पर उतराना भी शुरू किया। चारधाम मार्ग और बेगमबाग मार्ग को चौड़ा कर दिया गया है। अगले चरण में बड़ा गणेश मंदिर से चौबीस खंभा माता मंदिर तक का पांच मीटर चौड़ा रास्ता 12 मीटर चौड़ा करने की कार्रवाई शीघ्र प्रारंभ होने वाली है। विभागीय रिपोर्ट के अनुसार महाकाल मंदिर से महाकाल चौराहा तक मार्ग चौड़ीकरण के लिए 40 परिवारों, सरस्वती शिशु मंदिर समानांतर मार्ग को चौड़ा करने के लिए 20 परिवारों और बड़ा गणेश मंदिर से चौबीस खंभा माता मंदिर मार्ग तक मार्ग चौड़ा करने के लिए 12 लोगों की जमीन अधिग्रहित करने की कार्रवाई प्रक्रिया में है।