Mahakal Temple: उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश के लिए भक्तों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा। गुरुवार शाम 6 बजे मंदिर के प्रशासनिक भवन में कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम की अध्यक्षता में हुई प्रबंध समिति की बैठक में सदस्यों ने वर्तमान दर्शन व्यवस्था का फिलहाल लागू रखने का निर्णय लिया है।
गर्भगृह में प्रवेश कुछ विशेष शर्तों के साथ होगा
आगामी दिनों में महाकाल गर्भगृह में प्रवेश कुछ विशेष शर्तों के साथ शुरू होगा। इसके लिए समिति नियम बनाएगी। हालांकि इतना साफ है कि आगामी दिनों में गर्भगृह में प्रवेश के लिए भक्तों को ड्रेस कोड का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा।
परंपरा व मर्यादा का पालन कराने के लिए कुछ विशेष नियम
प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया ज्योतिर्लिंग की परंपरा व मर्यादा का पालन कराने के लिए कुछ विशेष नियम बनाने का निर्णय लिया गया है। आने वाले समय में गर्भगृह में प्रवेश के लिए ड्रेस कोड का पालन करना अनिवार्य होगा। अर्थात गर्भगृह में जाने के लिए महिलाओं को साड़ी तथा पुरुषों को सोला पहनना अनिवार्य होगा। दस साल से छोटे बच्चों को ड्रेस कोड में छूट रहेगी।
अब तक यह होता आया है
महाकाल मंदिर में अब तक गर्भगृह में प्रवेश बंद रहने के दौरान भक्तों को ड्रेस कोड का पालन करना होता था। इस दौरान महिलाओं को साड़ी तथा पुरुषों को सोला पहनना अनिवार्य था। गर्भगृह में सामान्य दर्शनार्थियों का प्रवेश चालू रहने पर दर्शनार्थी सामान्य कपड़ों में गर्भगृह में प्रवेश कर सकते थे। लेकिन अब मंदिर समिति ने गर्भगृह की परंपरा व मर्यादा का पालन कराने के लिए ड्रेस कोड अनिवार्य कर दिया है। किसी भी समय किसी भी श्रेणी के दर्शनार्थी को ड्रेस कोड का पालन करने पर ही गर्भगृह में प्रवेश दिया जाएगा।
उज्जैन के लोगों को सप्ताह में एक दिन निशुल्क भस्म आरती सुविधा
प्रबंध समिति ने बैठक में एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब प्रत्येक मंगलवार को उज्जैन में रहने वाले लोगों को निशुल्क भस्म आरती अनुमति दी जाएगी। इसके लिए 300 सीट निर्धारित की गई है। दर्शनार्थियों को सोमवार शाम प्रशासक कार्यालय के समीप स्थित भस्म आरती काउंटर से अनुमति प्राप्त करना होगी।