Mahakal Temple : उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में बीते दो साल से दर्शन व्यवस्था में कई बार बदलाव किए जा चुके हैं। सोमवार से समिति एक माह के लिए फिर से दर्शन व्यवस्था में बदलाव करने जा रही है। अब भक्तों को नवनिर्मित टनल से मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा।
बार बार व्यवस्था में बदलाव से भक्त परेशान हो रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि निर्माण कार्यों के चलते व्यवस्थाओं में बदलाव करना मजबूरी है। महाकाल महालोक के दूसरे चरण का काम पूरा होने के बाद ही स्थायी व्यवस्था लागू हो पाएगी।
महाकाल मंदिर में आए दिन दर्शन व्यवस्था बदली जा रही है। समिति सुगम दर्शन व्यवस्था के नाम पर नित नए प्रयोग कर रही है। कुछ समय पहले तक दर्शनार्थियों को हरसिद्धि चौराहा से बड़े गणेश मंदिर के रास्ते शंखद्वार से मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा था।
इसके बाद भक्तों को श्री महाकाल महालोक के रास्ते मंदिर के मानसरोवर द्वार से मंदिर में प्रवेश देने की व्यवस्था लागू की गई और अब 1 मई से यह व्यवस्था भी बदली जा रही है। सोमवार से भक्तों को महाकाल महालोक के रास्ते मानसरोवर द्वार से मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। इसके बाद दर्शनार्थी महाकाल टनल होते हुए गेट नं.6 पर पहुंचेंगे तथा यहां से नवनिर्मित टनल से होते हुए परिसर में होते हुए गणेश मंडपम में पहुंचकर भगवान महाकाल के दर्शन करेंगे। मंदिर प्रशासन के अनुसार यह व्यवस्था एक माह के लिए लागू की जा रही है। इसके बाद फिर से व्यवस्था में बदलाव होगा।
सशुल्क, वीआइपी व सामान्य दर्शनार्थियों के बीच उलझन
महाकाल मंदिर विस्तारीकरण के नाम पर प्रदेश सरकार व मंदिर प्रबंध समिति करोड़ो रुपयें खर्च कर चुकी है। बावजूद इसके अब तक एक ऐसा रास्ता नहीं बन पाया है, जहां से एक कतार में दर्शन करते हुए भक्त दूसरे द्वार से बाहर निकल जाए। मंदिर में सशुल्क, वीआइपी व सामान्य दर्शनार्थियों के लिए अलग-अलग व्यवस्था संचालित हो रही है। इससे व्यवस्था बदहाल है। जिम्मेदारों को मंदिर में एक समान दर्शन व्यवस्था लागू करना चाहिए ताकि आम और खास के बीज का भेद समाप्त हो तथा भक्त बिना परेशानी के भगवान के दर्शन कर सकें।
निर्माण कार्य के चलते बदल रही व्यवस्था
महाकाल मंदिर में चारों ओर निर्माण कार्य चल रहे हैं। कार्य में सुगमता तथा दर्शनार्थियों की सहुलियत को देखते हुए व्यवस्था में बदलाव किए जाते हैं। निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद स्थाई दर्शन प्लान बनेगा।
-संदीप कुमार सोनी, प्रशासक महाकालेश्वर मंदिर