Mahakal Shahi Sawari 2021: एक साथ सात रूपों में दर्शन देंगे भगवान महाकाल
Mahakal Shahi Sawari 2021: नए छोटे मार्ग से ही निकलेगी भगवान महाकाल की शाही सवारी।
By Hemant Kumar Upadhyay
Edited By: Hemant Kumar Upadhyay
Publish Date: Thu, 02 Sep 2021 08:11:30 PM (IST)
Updated Date: Thu, 02 Sep 2021 08:11:30 PM (IST)
Mahakal Shahi Sawari 2021: उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। श्रावण-भादौ मास में छह सितंबर सोमवार को भगवान महाकाल की शाही सवारी निकलेगी। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार भी सवारी नए छोटे मार्ग से निकाली जाएगी। भक्तों को बीते वर्ष की तरह भगवान महाकाल के एक साथ सात रूपों के दर्शन होंगे। अवंतिकानाथ चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश, बैलगाड़ी पर शिव तांडव, उमा-महेश, होल्कर, घटाटोप तथा जटाशंकर रूप में विराजित होकर भक्तों को दर्शन देने निकलेंगे।
महाकाल मंदिर से शाम चार बजे ठाठ-बाट के साथ शाही सवारी की शुरुआत होगी। सवारी में सबसे आगे महाकाल मंदिर का रजत ध्वज रहेगा। पीछे अवंतिकानाथ की चतुरंगी सेना के रूप में राजसी पोशाक में सजे पुलिस का घुड़सवार दस्ता, सशस्त्र बल की टुकड़ी, पुलिस बैंड तथा अधिकारियों के साथ चुनिंदा गणमान्यजन शामिल होंगे। पालकी के साथ पुजारी तथा सुरक्षाबल के जवान चलेंगे।
हाथी पर भगवान मनमहेश तथा बैलगाड़ी पर भगवान महाकाल के अन्य मुखारविंद विराजित कर निकाले जाएंगे। सवारी का स्थानीय चैनल तथा मंदिर की वेबसाइट व फेसबुक पेज पर लाइव प्रसारण होगा। पिछली छह सवारियों की तरह शाही सवारी पर भी भक्तों का सवारी मार्ग पर प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। सवारी मार्ग पर 17 से अधिक एचडी कैमरों से चप्पे चप्पे पर नजर रखी जाएगी। सुरक्षा के चाकचौबंद इंतजाम रहेंगे।
यह रहेगा सवारी मार्ग
महाकाल मंदिर से शुरू होकर सवारी बड़ा गणेश मंदिर, हरसिद्धि चौराहा, झालरिया मठ के रास्ते सिद्ध आश्रम के सामने से होते हुए मोक्षदायिनी शिप्रा के तट पर पहुंचेगी। यहां पूजा-अर्चना के बाद सवारी रामानुजकोट, हरसिद्धि की पाल के रास्ते शक्ति पीठ हरसिद्धि मंदिर पहुंचेगी। यहां शिव-शक्ति मिलन कराया जाएगा। पश्चात सवारी हरसिद्धि चौराहा होते हुए शाम 6 बजे पुन: महाकाल मंदिर पहुंचेगी।