Mahakal Shahi Sawari 2020 : महाकाल की शाही सवारी आज, 54 साल बाद बदला मार्ग
Mahakal Shahi Sawari 2020 : श्रावण-भादौ मास में निकलने वाली भगवान महाकाल की सवारियों के क्रम में सोमवार को शाही सवारी निकाली जाएगी।
By Prashant Pandey
Edited By: Prashant Pandey
Publish Date: Mon, 17 Aug 2020 07:55:29 AM (IST)
Updated Date: Mon, 17 Aug 2020 11:37:08 AM (IST)
Mahakal Shahi Sawari 2020 : उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। श्रावण-भादौ मास में निकलने वाली भगवान महाकाल की सवारियों के क्रम में सोमवार को शाही सवारी निकाली जाएगी। कोरोना संक्रमण को देखते हुए 54 साल बाद शाही सवारी परिवर्तित मार्ग से निकल रही है। इससे पहले सन् 1966 में तत्कालीन कलेक्टर ने नए मार्ग से सवारी निकालने का निर्णय लिया था। वरिष्ठजन बताते हैं कि उस समय तोपखाना होते हुए सवारी रात करीब 2 बजे महाकाल मंदिर पहुंची थी। बीते तीन दशक में भी शाही सवारी में कई परिवर्तन देखने को मिले हैं। हालांकि भगवान के मुखारविंद निकलाने की परंपरा हर दौर में कायम रही है।
ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में श्रावण-भादौ मास में भगवान महाकाल की सवारी निकलने की परंपरा करीब 300 साल पुरानी है। सिंधिया राजवंश ने भगवान महाकाल की सवारी निकालने की शुरुआत की थी। तब से आज तक इस परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है। हालांकि इस दौरान कई बदलाव देखने को मिले हैं। पंचांगकर्ता व ज्योतिर्विद पं.आनंदशंकर व्यास के अनुसार 1966 में तत्कालीन कलेक्टर ने श्रावण-भादौ मास की शाही सवारी को नए मार्ग से निकाला था।
महाकाल मंदिर पं.महेश पुजारी ने बताया 1966 में शाही सवारी के लिए जिस मार्ग का चयन किया गया था, उस मार्ग से सवारी देर से मंदिर पहुंची थी। मंदिर की परंपरा अनुसार रात्रि 11 बजे पट बंद हो जाते हैं। पालकी को निर्धारित समय पर मंदिर पहुंचाने के लिए मार्ग में बदलाव किया गया। बीते वर्ष तक सवारी कंठाल से सतीगेट, छत्रीचौक, गोपाल मंदिर होते हुए रात 10 बजे मंदिर पहुंच जाती थी।
भगवान महाकाल की शाही सवारी के अवसर पर जिला प्रशासन द्वारा पूर्व में घोषित 17 अगस्त का शासकीय अवकाश निरस्त कर दिया गया है। कलेक्टर आशीष सिंह ने संशोधित आदेश जारी कर कहा है कि उज्जैन, घट्टिया और तराना तहसील में सोमवार को अवकाश नहीं रहेगा। यह स्थानीय अवकाश अब आने वाले किसी पर्व पर घोषित किया जाएगा।