Mahakal Sawari Ujjain: उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में 25 जुलाई से श्रावण मास की शुरुआत होगी। इस बार 7 साल बाद श्रावण-भादौ (भाद्रपद) मास में भगवान महाकाल की 7 सवारियां निकलेंगी। शाही सवारी पर 6 सितंबर को सोमवती अमावस्या का महासंयोग रहेगा। महापर्व के शुरू होने में 2 माह शेष हैं। मंदिर सूत्रों की माने तो, प्रदेश में अनलाक की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही मंदिर में श्रावण मास की तैयारियां शुरू हो जाएंगी।
ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर की परंपरा अनुसार प्रत्येक श्रावण सोमवार तथा भादौ मास में अमावस्या के पहले आने वाले सोमवार पर महाकाल की सवारी निकली जाती है। इस बार 25 जुलाई से शुरू हो रहे श्रावण मास में चार सोमवार आएंगे। वहीं भादौ मास में अमावस्या तक तीन सोमवार आ रहे हैं। ऐसे में श्रावण में चार तथा भादौ में तीन सवारी निकलेगी।
ज्योतिषाचार्य पं.अमर डब्बावाला के अनुसार 2014 में भी श्रावण-भादौ में 7 सोमवार की स्थिति बनी थी। चंद्र संचार की गणना के लिहाज से सात सोमवारों में ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति भी काफी हद तक समान है। श्रावण-भादौ मास के क्रम में निकलने वाली छठी सवारी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी तथा शाही सवारी सोमवती अमावस्या के महासंयोग में निकलेगी।
इन बिंदुओं पर होगा मंथन
- कोरोना संक्रमण के चलते श्रावण मास में केवल परंपराओं का निर्वहन किया जा सकता है।
- प्रशासन पारंपरिक मार्ग छोड़कर बीते वर्ष की तरह बड़े गणेश मंदिर के सामने नए मार्ग से सवारी निकालने पर विचार कर सकता है।
- श्रावण महोत्सव लगातार दूसरे साल स्थगित होने की बात कही जा रही है।
- शाही सवारी पर सोमवती अमावस्या का संयोग होने से शिप्रा स्नान व सवारी के इंतजाम चुनौती पूर्ण होंगे।
- प्रशासन शिप्रा व सोमकुंड में स्नान तथा शाही सवारी में लोगों के आने पर रोक लगा सकता है।