उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। श्रावण मास में सोमवार को भगवान महाकाल की छठी सवारी में आस्था का महासैलाब उमड़ा। देशभर से आए पांच लाख से अधिक भक्तों ने भगवान महाकाल के विभिन्न रूपों के दर्शन किए। भारी भीड़ के बावजूद भगवान महाकाल की पालकी निर्धारित समय शाम 7.30 बजे महाकाल मंदिर पहुंची।
मंदिर व जिला प्रशासन ने छठी सवारी में भीड़ नियंत्रण की शुरुआत सभामंडप से ही कर दी थी। पालकी पूजन के समय सभामंडप में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमल नाथ के साथ चुनिंदा लोग ही मौजूद थे। सभी ने सुविधापूर्वक भगवान महाकाल के दर्शन किए। मंदिर परिसर में भी भीड़ नियंत्रित नजर आई।
पालकी के शिप्रा तट की ओर प्रवेश करते समय रामानुजकोट पर पुलिस को जरूर भीड़ नियंत्रित करने के लिए मशक्कत करना पड़ी। यहां बड़ी संख्या में लोग पालकी के साथ घाट क्षेत्र में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। माैके पर मौजूद पुलिस अधिकारी व जवानों ने सख्ती से लोगों का प्रवेश रोका तथा बैरिकेड्स लगाए।
प्रशासन ने पालकी को निर्धारित समय पर शिप्रा तट तथा यहां से पुन: मंदिर तक पहुंचाने के लिए मिनट टू मिनट समय निर्धारित किया था। समय का पालन करने के लिए भजन मंडलों को सवारी शुरू होने से दो घंटे पहले ही रवाना कर दिया गया था। इससे पालकी अपने निर्धारित समय पर चलती रही।
मंगल ग्रह का जन्म स्थान माने जाने वाले श्री अंगारेश्वर महादेव मंदिर में स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर भगवान अंगारेश्वर का तिरंगा रूप में श्रृंगार किया गया। पुजारी पं.रोहित उपाध्याय ने बताया संध्या आरती में राष्ट्र मंगल की कामना से भगवान का अभिषेक पूजन किया गया। पुजारियों ने भूमि पुत्र महामंगल से अखंड भारत समृद्ध भारत की प्रार्थना की।