Mahakal Sawari 2021: श्रावण मास में महाकाल की आखिरी सवारी में धर्म के साथ देश भक्ति के रंग
Mahakal Sawari 2021: भोलेनाथ हाथी पर मनमहेश और चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर के रूप में सवार होकर भक्तों को दर्शन देने निकले।
By Prashant Pandey
Edited By: Prashant Pandey
Publish Date: Mon, 16 Aug 2021 02:29:32 PM (IST)
Updated Date: Mon, 16 Aug 2021 07:39:48 PM (IST)
Mahakal Sawari 2021: उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। श्रावण मास में सोमवार को भगवान महाकाल की आखिरी सवारी निकली। शाही ठाठबाट से निकली सवारी में धर्म के साथ देशभक्ति के रंग नजर आए। भगवान महाकाल की पालकी के शीर्ष पर फूलों से तिरंगा सजाया गया था। शिव शक्ति मिलन के लिए दुल्हन की तरह सजे हरसिद्धि मंदिर पर पर भी देश की आन, बान व शान का प्रतीक तिरंगा लहलहा रहा था। सवारी मार्ग पर रंगबिरंगी छत्रियों से की गई चित्तआकर्ष सज्जा उज्जयिनी के वैभव व ऐश्वर्य को प्रदर्शित कर रही थी। रंगारंग आतिबाजी से खुशियों के रंग बिखरे। अब भादौ मास में भगवान महाकाल की तीन सवारी निकलेगी।
मंदिर के सभामंडप में दोपहर 3.30 बजे कलेक्टर आशीषसिंह व पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र कुमार शुक्ला ने भगवान महाकाल के चंद्रमौलेश्वर रूप का पूजन कर पालकी को नगर भ्रमण के लिए रवाना किया। अवंतिकानाथ चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर तथा हाथी पर मनमहेश रूप में सवार होकर भक्तों को दर्शन देने निकले। महकाल मंदिर से शुरू होकर सवारी बड़ा गणेश मंदिर, हरसिद्धि चौराहा, झालरिया मठ के रास्ते सवारी शिप्रा तट पहुंची।
महाकाल पेढ़ी पर कहारों ने पालकी को विराजित किया। पश्चात पुजारियों ने शिप्रा के जल से भगवान का अभिषेक कर पूजा अर्चना की। पूजन के बाद सवारी रामानुजकोट, हरसिद्धि की पाल होते हुए शक्तिपीठ हरसिद्धि मंदिर पहुंची। यहां रंगारंग आतिशबाजी के बीच शिव शक्ति मिलन कराया गया। शाम करीब 6 बजे पुन: सवारी महाकाल मंदिर पहुंची।