नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन(Mahakal Mandir Ujjain)। महाकाल मंदिर के गर्भगृह में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के बेटे और परिजनों सहित 4 लोगों के प्रवेश करने के मामले में एक कर्मचारी को हटाया गया। साथ ही सुरक्षा एजेंसी सहित तीन कर्मचारियों को नोटिस थमाया गया। नोटिस का जवाब 24 घंटे में मांगा गया है।
महाकाल मंदिर प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने मंदिर समिति के कर्मचारी विनोद चौकसे को हटाया। विनोद की ड्यूटी मंदिर के सभामंडप व जलद्वार पर प्रभारी के रूप में थी। साथ ही मंदिर के गर्भगृह और नंदीहॉल निरीक्षक, प्रोटोकॉल कर्मचारी और क्रिस्टल कंपनी को नोटिस जारी कर 24 घंटे में जवाब मांगा है।
बता दें कि महाकाल मंदिर के गर्भगृह में जुलाई-2023 से ही प्रवेश बंद है। श्री महाकाल महालोक बनने के बाद श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए तथा दर्शन व्यवस्था को सुलभ बनाए रखने के लिए यह निर्णय लिया गया था। हालांकि मंदिर प्रबंध समिति इसका पालन कराने में नाकाम है।
तराना से कांग्रेस विधायक महेश परमार ने कहा है कि भाजपा नेता सत्ता के मद में आकर सीधे गर्भगृह में प्रवेश कर रहे हैं। इसी बीच मंदिर प्रशासन ने शुक्रवार शाम प्रोटोकाल दर्शन व्यवस्था में फेरबदल किया। अब भस्म आरती के दौरान नंदी मंडपम में बैठने के लिए एक दिन पहले अनुमति लेना अनिवार्य किया गया है।
आम भक्त लंबे समय से महाकाल के गर्भगृह में प्रवेश देने की मांग कर रहे हैं। ऐसे में जब प्रवेश की अनुमति ना होने के बाद भी वीआईपी अंदर जाते हैं, तो आम भक्त खुद को ढगा सा महसूस करते हैं। कई बार श्रद्धालु इसको लेकर आक्रोश भी जता चुके हैं।
विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में 18 अक्टूबर से गर्भगृह, नंदी,गणेश व कार्तिकेय मंडपम के साथ परिसर में व्यावसायिक उपयोग के लिए वीडियोग्राफी करने पर रोक लगा दी गई है। मंदिर प्रशासन ने प्रबंध समिति के निर्णय पर यह प्रतिबंध लगाया है।
अब केवल मंदिर के विस्तारित क्षेत्र श्री महाकाल महालोक में वीडियोग्राफी की जा सकती है। हालांकि यहां वीडियो बनाना महंगा हो गया है। मंदिर समिति ने यहां वीडियोग्राफी के लिए 51 हजार रुपये प्रतिदिन शुल्क निर्धारित किया है। पहले प्रतिदिन का शुल्क 5100 रुपये था।
सहायक प्रशासनिक अधिकारी आरके तिवारी ने बताया महाकाल मंदिर में सुरक्षा व सुविधा की दृष्टि से मंदिर के आंतरिक क्षेत्र अर्थात गर्भगृह, नंदी मंडपम्, गणेश मंडपम, कार्तिकेय मंडपम, सभा मंडप, गर्भगृह का गलियारा तथा संपूर्ण परिसर में व्यावसायिक दृष्टिकोण से वीडियोग्राफी करने पर रोक लगा दी गई है। पूर्व में मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में इस पर निर्णय लिया गया था।
महाकाल महालोक को प्रतिबंध से मुक्त रखा गया है, यहां कोई भी व्यक्ति निर्धारित शुल्क चुकाकर वीडियोग्राफी कर सकता है। प्रबंध समिति की बैठक में वीडियोग्राफी के शुल्क में वृद्धि की गई है। पहले मंदिर में वीडियोग्राफी करने पर 5100 रुपये शुल्क चुकाना होता था। लेकिन अब महाकाल महालोक में वीडियोग्राफी के लिए 51000 रुपये शुल्क चुकाना होगा।