नईदुनिया, उज्जैन। महाकाल मंदिर में प्रोटोकॉल दर्शन व्यवस्था में परिवर्तन किया गया है। प्रोटोकाल दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को अब फार्म भी भरना पड़ेगा। मंदिर समिति ने फार्म में दान का स्वैच्छिक विकल्प दिया है। इसमें दर्शनार्थी अगर दान करना चाहते हैं तो राशि का उल्लेख कर सकते हैं।
वहीं, मंदिर प्रशासन ने मानसरोवर फैसिलिटी सेंटर स्थित प्रोटोकॉल कार्यालय को बंद कर त्रिनेत्र भवन में नया कंट्रोल रूम बनाया है। मंदिर प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने बताया कि मंदिर में प्रोटोकॉल के नाम पर अनधिकृत लोगों को दर्शन कराए जाने की शिकायत मिल रही थी।
महाकाल मंदिर में सांसद, मंत्री, विधायक, प्रमुख विभाग तथा राजनीतिक दलों का कोटा निर्धारित है। इनकी सिफारिश पर विशिष्टजन को विशेष सुविधा के साथ दर्शन कराए जाते हैं। इसके लिए प्रति व्यक्ति ढाई सौ रुपये का शुल्क निर्धारित है। हालांकि विशेष अनुमति पर कुछ लोगों को नि:शुल्क दर्शन भी कराए जाते हैं।
महाकाल मंदिर में काफी दिनों से दान कराने की प्रतिस्पर्धा चल रही है। मंदिर कार्यालय में दान कराने के नाम पर कुछ समाजसेवी स्थायी डेरा डाले हुए हैं। सूत्र बताते हैं इनके साथ मंदिर का एक अधिकारी, कुछ कर्मचारी जुड़े हैं।
ये लोग स्वप्रेरणा से दान देने वाले लोगों के साथ फोटो खिंचवाते हैं और स्वयं की प्रेरणा से दान दिलवाने का प्रचार करते हैं। मंदिर प्रशासन अब इस प्रवृत्ति पर भी रोक लगाने की तैयारी कर रहा है। इसकी शुरुआत प्रोटोकॉल दर्शन से कर दी गई है। इसमें मंदिर समिति ने फार्म में दान का विकल्प रखा है। हालांकि इसमें किसी तरह की बाध्यता नहीं है।