Mahakal Darshan Ujjain:उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। भगवान महाकालेश्वर मंदिर में समिति द्वारा श्रद्धालुओं से अलग-अलग शुल्क लेकर भगवान महाकाल के दर्शन कराए जा रहे हैं। इसे लेकर आमजन में काफी आक्रोश है। इस संबंध में कांग्रेस नेता व पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष भरत पोरवाल ने संभागायुक्त को ज्ञापन सौंपकर आपत्ति दर्ज कराई थी। संभागायुक्त ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर को कार्यवाही के आदेश दिए। बता दें कि बीते दिनों दिशा की बैठक में सांसद अनिल फिरोजिया ने भी महाकाल मंदिर को लेकर कहा था कि इस प्रयोगशाला न बनाएं। महाकाल मंदिर पूरे विश्व में शिव भक्तों की आस्था का केंद्र है।
कम शुल्क देने वाले भक्तों को गणेश मंडपम से दर्शन
प्रतिदिन देश विदेश से हजारों भक्त भगवान महाकाल के दर्शन करने उज्जैन आते हैं। लेकिन मंदिर में अमीर गरीब में बंटी हुई दर्शन व्यवस्था देखकर भक्तों की भावना आहत होती है। रुपये लेकर दर्शन कराने की इस व्यवस्था से अधिक राशि देने वाले भक्तों को गर्भगृह से भगवान के दर्शन कराए जाते हैं। वहीं कम शुल्क देने वाले भक्तों को 50 फीट दूर गणेश मंडपम से चलता कर दिया जाता है। अर्थ आधारित इस व्यवस्था में दलाल भी काफी सक्रिय हैं। पूरे मामले को संभागायुक्त संदीप यादव ने गंभीरता से लेते हुए ज्ञापन का स्वयं अनुमोदन किया और महाकालेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष कलेक्टर को पत्र लिखकर कार्यवाही के लिए आदेश दिया है। पोरवाल ने कहा कि अगर मंदिर प्रशासन ने तत्काल रुपये लेकर दर्शन कराने की व्यवस्था बंद नहीं की, तो वे दर्शनार्थियों के साथ मंदिर में प्रवेश करेंगे और भक्तों का नि:शुल्क दर्शन कराएंगे।
दर्शन के लिए अलग-अलग शुल्क निर्धारित
- मंदिर समिति ने गर्भगृह से दर्शन कराने के लिए प्रति व्यक्ति 750 रुपये शुल्क निर्धारित किया है। दो लोगों को दर्शन कराने के लिए 1500 रुपये लिए जा रहे हैं।
- भगवान के शीघ्र दर्शन करने के लिए 250 रुपये शुल्क चुकाना होता है।
- भगवान महाकाल की भस्म आरती के दर्शन करना के लिए भी प्रति व्यक्ति 200 रुपये शुल्क लिया जा रहा है।
- समिति प्रोटोकाल दर्शन व्यवस्था को भी शुल्क के दायरे में ले आई है। प्रोटोकाल दर्शन के लिए भी प्रति व्यक्ति 250 रुपये शुल्क लिया जा रहा है।