Mahakal Bhasma aarti Ujjain: उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में चलायमान व्यवस्था से भस्म आरती दर्शन का रुझान बढ़ता जा रहा है। इस व्यवस्था से श्रद्धालु रात में ही भगवान के दर्शन कर गंतव्य को रवाना हो रहे हैं। रात में ट्रैफिक की समस्या भी नहीं रहती है। आवागमन की सुगमता के चलते श्रद्धालु सुविधा से मंदिर की पार्किंग तक वाहन ले आते हैं और कम समय में दर्शन कर लौट जाते हैं।
श्रावण मास में मंदिर समिति द्वारा चलायमान व्यवस्था को यथावत रखा गया है। इस व्यवस्था में दर्शनार्थियों को भस्म आरती के लिए बुकिंग नहीं करना पड़ती है और ना ही कोई शुल्क चुकाना होता है। उल्टे रात में भी भगवान महाकाल के दर्शन हो जाते हैं। दिन में भी मंदिर प्रशासन भक्तों को चलायमान व्यवस्था से ही कार्तिक व गणेश मंडपम् से भगवान महाकाल के दर्शन करा रहा है। ऐसे में बाहर से आने वाले भक्त सुविधा से रात में ही भगवान महाकाल के दर्शन कर रहे हैं।
मंदिर प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया श्रावण मास में प्रत्येक रविवार को रात 2.30 बजे तथा सप्ताह के शेष दिनों में रात 3 बजे मंदिर के पट खोले जा रहे हैं। सुबह जैसे ही भस्म आरती के लिए पंचामृत पूजन की शुरुआत होती है, बिना अनुमति वाले सामान्य दर्शनार्थियों का प्रवेश शुरू कर दिया जाता है। श्रावण मास के पहले दिन भी चलायमान व्यवस्था से 10 हजार से अधिक भक्तों को भगवान महाकाल के दर्शन कराए गए। बाहर से आने वाले श्रद्धालु इस सुविधा का लाभ ले रहे हैं। श्रावण मास के आने वाले दिनों में स्थानीय भक्तों की संख्या भी बढ़ेगी।
उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। महापौर परिषद (एमआइसी) के सदस्य रजत मेहता ने कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम को पत्र लिखा है। पत्र के माध्यम से उन्होंने श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार को स्कूलों में छुट्टी रखने का अनुरोध किया है। कहा है कि श्रावण-भादौ मास के प्रत्येक सोमवार को राजाधिराज महाकाल की सवारी निकालने की परंपरा है। अपने आराध्य के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं, जिसके कारण सड़क पर ट्रैफिक जाम लगता। प्रत्येक गली में बैरिकेड लगाने से आवाजाही बंद हो जाती। ऐसे में विद्यार्थियों और उनके माता-पिता को स्कूल से घर, घर से स्कूल आने-जाने में समस्या का सामना न करना पड़े, इस लिहाज से सोमवार को छुट्टी रखना सही निर्णय होगा।