Mahakal Bhasm Aarti: उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में भस्म आरती दर्शन तथा गर्भगृह में अभिषेक कराने के नाम पर ठगी का नया मामला सामने आया है। जयपुर निवासी अनमोल शर्मा ने कलेक्टर आशीष सिंह व प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ को मामले की लिखित शिकायत की है। मंदिर प्रशासन ने आरोपित कृष्ण गिरि महाराज के विरुद्ध प्रकरण दर्ज करने के लिए महाकाल थाने में आवेदन दिया है।
जयपुर के कलेक्टर कार्यालय में कार्यरत अनमोल शर्मा का आरोप है कि कर्कराज मंदिर के पास रहने वाले कृष्ण गिरि महाराज ने उन्हें भगवान महाकाल की भस्म आरती के दर्शन तथा जलाभिषेक के लिए उज्जैन बुलाया था। 7 अगस्त को उज्जैन पहुंचने पर महाराज ने आश्रम में ठहरने के लिए दो हजार रुपये, भगवान के जलाभिषेक के लिए प्रति व्यक्ति 1500 रुपये तथा भस्म आरती के लिए प्रति व्यक्ति 1300 रुपये की मांग की।
हमने तीन व्यक्ति के हिसाब से तीन हजार रुपये एडवांस महाराज को दिए और बाकी करीब 7 हजार रुपये अगले दिन देने को कहा। 8 अगस्त को महाराज कृष्ण गिरि हमें महाकाल मंदिर लेकर गए और वीआइपी व्यवस्था से भीतर लेजाकर दूर से भगवान महाकाल के दर्शन करा दिए और आश्रम आने पर शेष रुपये की मांग करने लगे। इस पर हमने कहा कि महाराजजी बात भस्म आरती तथा गर्भगृह में ले जाकर दर्शन कराने की हुई थी।
इस पर उन्होंने कहा कि भीड़ अधिक है, एक-दो दिन रुक जाओ, मैं कलेक्टर से कह कर दर्शन करा दूंगा। महाराज की बातचीत से हमें आभास हो गया कि हमारे साथ ठगी हुई है। इसके बाद मामले की लिखित शिकायत महाकाल मंदिर में की।
सख्त कार्रवाई होना चाहिए
अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं.महेश पुजारी ने कृष्ण गिरि द्वारा भक्तों के साथ ठगी करने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि सनातन धर्म परंपरा में भक्तों की साधु संत व आश्रमों के प्रति गहरी आस्था है। लेकिन तथा कथित साधु श्रद्धालुओं के साथ धोखाधड़ी कर धर्म और आस्था को ठेस पहुंचा रहे हैं। ऐसे साधुओं के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होना चाहिए। मंदिर समिति को इस बात की पड़ताल करना चाहिए कि ऐसे साधुओं को मंदिर में वीआइपी सुविधा का लाभ कैसे दिया जा रहा है। कौन लोग इन्हें सहयोग कर रहे हैं।
महाकाल थाने में दिया आवेदन
जयपुर के एक भक्त ने महाराज कृष्ण गिरि के विरुद्ध ठगी का आरोप लगाते हुए शिकायती आवेदन दिया था। मंदिर प्रशासन ने महाकाल थाने में आवेदन देकर मामले की जांच व कार्रवाई करने को कहा है। - मूलचंद जूनवाल, सहायक प्रशासक महाकाल मंदिर