Shiv Navratri 2024: नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में 29 फरवरी से शिव नवरात्र की शुरुआत होगी। आठ मार्च को महाशिवरात्रि तक नौ दिन भगवान का नौ रूपों में आकर्षक शृंगार किया जाएगा। शिवनवरात्र में भोग आरती व संध्या पूजन का समय भी बदलेगा।
ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि पर फाल्गुन कृष्ण पंचमी से त्रयोदशी तक शिव नवरात्र उत्सव मनाया जाता है। इस बार 29 फरवरी को शिव पंचमी के पूजन के साथ शिव नवरात्र की शुरुआत होगी। सुबह आठ बजे पुजारी कोटितीर्थ कुंड के समीप स्थित श्री कोटेश्वर महाकाल को अभिषेक-पूजन कर हल्दी चढ़ाएंगे।
करीब डेढ़ घंटे पूजन के उपरांत सुबह 9.30 बजे से गर्भगृह में भगवान महाकाल की पूजा होगी। पुजारी भगवान महाकाल का पंचामृत अभिषेक कर पूजा-अर्चना करेंगे। इसके बाद 11 ब्राह्मणों द्वारा रुद्रपाठ किया जाएगा। पश्चात दोपहर एक बजे भोग आरती होगी। तीन बजे संध्या पूजा के बाद नौ दिन तक भगवान का अलग-अलग स्वरूपों में विशेष शृंगार किया जाएगा।
- पहला दिन : भगवान महाकाल का चंदन शृंगार होगा। भगवान को सोला दुपट्टा धारण कराया जाएगा। मुकुट, मुंडमाला और छत्र आदि आभूषण से शृंगार होगा।
- दूसरा दिन : शेषनाग शृंगार।
- तीसरा दिन : घटाटोप शृंगार।
- चौथा दिन : छबीना शृंगार।
- पांचवां दिन : होलकर रूप शृंगार।
- छठा दिन : मनमहेश रूप शृंगार।
- सातवां दिन : उमा महेश शृंगार।
- आठवां दिन : शिवतांडव शृंगार।
- महाशिवरात्रि : सप्तधान शृंगार।
उज्जैन के महाकाल मंदिर में प्रतिदिन सुबह 10.30 बजे भोग आरती तथा शाम पांच बजे संध्या पूजा होती है। शिव नवरात्र में पूजन का विशेष क्रम होने से भोग आरती दोपहर एक बजे तथा संध्या पूजा दोपहर तीन बजे होगी। शिव नवरात्र के नौ दिन मंदिर के पुजारी उपवास भी रखेंगे। महापर्व संपन्न होने के बाद नौ फरवरी को मंदिर समिति पारण का आयोजन करेगी।