MP Ujjain Nagar Nigam Election 2022 Results Updates: उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)।उज्जैन में मतगणना के दौरान महापौर पद के लिए भाजपा के मुकेश टटवाल और कांग्रेस के महेश परमार के बीच कांटे का मुकाबला रहा। आखिर में भाजपा के मुकेश टटवाल ने 736 वोट से जीत दर्ज की। कांग्रेस के महापौर उम्मीदवार महेश परमार की मांग पर रिकाउंटिंग हुई। हालांकि बाद में इसकी अधिकृत घोषणा भी कर दी गई।
उज्जैन नगर निगम चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार की नजदीकी हार के बाद कार्यकर्ताओं का हंगामा। फिर से गिनती की मांग। कलेक्टर ने चर्चा की।#ujjainnews #ujjainchunav pic.twitter.com/IaEaVbHEKI
— NaiDunia (@Nai_Dunia) July 17, 2022
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उज्जैन में मतगणना केंद्र के बाहर सियासी दलों के कार्यकर्ताओं का जमघट लगा।
उज्जैन में महापौर पद के लिए पांच और 54 वार्ड पार्षद पद के लिए 178 प्रत्याशियों के बीच मुकाबला रहा। 6 जुलाई को शहर के 4 लाख 61103 मतदाताओं में से 2 लाख 74478 मतदाताओं ने इन्हीं में से अपनी पसंद का महापौर और पार्षद इलेक्ट्रिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का बटन दबाकर चुना था। कुल 59.53 फीसद ही मतदान हुआ था। ये आंकड़ा पिछले दो चुनाव में हुए मतदान (साल-2010 में 62.13 फीसद और साल 2015 में 65.58 फीसद) से भी काफी कम था। आंकड़ों ने सिस्टम पर एक सवाल खड़ा कर दिया।
कम मतदान ने भाजपा और कांग्रेस, दोनों प्रमुख दल की चिंता बढ़ा दी थी। कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री जेपी धनोतिया और उज्जैन उत्तर विधानसभा क्षेत्र के विधायक पारस जैन ने मतदाता सूची में विसंगति और हजारों मतदाताओं तक मतदाता पर्ची न पहुंचने की शिकायत राज्य निर्वाचन आयुक्त को की थी। हालांकि शिकायत पर अभी कोई एक्शन नहीं लिया गया है, पर इतना साफ है कि चुनाव में जो भी प्रत्याशी हारेगा वो अपनी हार का ठीकरा प्रशासन पर फोढ़ेगा। फिलहाल की स्थिति में सभी प्रत्याशी अपनी जीत को लेकर आशान्वित है।
यह भी जानिए
- निर्वाचित महापौर और पार्षद मिलकर नगर निगम का आठवां निर्वाचित बोर्ड बनाएंगे।
- निर्वाचित बोर्ड का कार्यकाल पांच वर्ष का होगा।
- नए बोर्ड को उज्जैन नगर निगम से विरासत में 130 करोड़ रुपये की देनदारी मिलेगी।
- नई नगर सरकार को विकास कार्य कराने को पिछली नगर सरकार के मुकाबले आधे से भी कम रुपये मिलेंगे। क्योंकि निगम प्रशासक सह संभागायुक्त संदीप यादव महापौर, निगम अध्यक्ष, पार्षद मद सहित कई मदों पर कैंची चला चुके हैं। महापौर का मद अब 7 करोड़ 50 लाख रुपये की बजाय 3 करोड़ रुपये, निगम अध्यक्ष मद 5 करोड़ रुपये की बजाय डेढ़ करोड़ रुपये और पार्षद मद 30 लाख की बजाय 7 लाख 40 हजार रुपये कर दिया गया है।
महापौर पद के लिए भाजपा - कांग्रेस में रही कांटे की टक्कर
महापौर पद के लिए पांच प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। कांग्रेस से महेश परमार, भाजपा से मुकेश टटवाल, बसपा से प्रकाशचंद्र नरवरिया, आम आदमी पार्टी से संतोष वर्मा और बाबूलाल चौहान निर्दलीय खड़े हुए थे। इनमें भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर रही। एक बार फिर भाजपा का महापौर बनने के बाद यहां भाजपा की हैट्रिक हो गई है। क्योंकि पिछले दो कार्यकाल में भाजपा ही निगम में काबिज रही है।