Mahakal Shahi Sawari : उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर से श्रावण-भादौ मास में सोमवार को भगवान महाकाल की शाही सवारी निकली। सात किलो मीटर लंबे सवारी मार्ग पर सात घंटे तक भक्ति का उल्लास छाया रहा। देशभर से आए पांच लाख से अधिक भक्त भगवान महाकाल के एक साथ दस रूपों के दर्शन कर निहाल हो गए। अवंतिकानाथ चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश, गरुड़ पर शिवतांडव, नंदी पर उमा महेश, रथ पर होलेकर, घटाटोप, जटाशंकर, रूद्रेश्वर, चंद्रशेखर तथा सप्तधान सवरूप में सवार होकर भक्तों को दर्शन देने निकले।
पहली बार कर्नाटक की लोक संस्कृति की झलक
शाही सवारी में पहली बार कर्नाटक की लोक संस्कृति की झलक भी दिखाई दी दल में शामिल 100 सदस्य मनोरम प्रस्तुति देते निकले। परंपरा अनुसार दोपहर 3.30 बजे सभा मंडप में संभाग आयुक्त संजय गोयल, आईजी संतोष कुमार सिंह, कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम, एसपी सचिन शर्मा ने पं.घनश्याम पुजारी के आचार्यत्व में भगवान महाकाल के चंद्रमौलेश्वर रूप का पूजन कर पालकी को नगर भ्रमण के लिए रवाना किया। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र बल की टुकड़ी ने राजाधिराज महाकाल को सलामी दी। इसके बाद सवारी शिप्रा तट की ओर रवाना हुई।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बेटे महाआर्यमन के साथ पालकी का पूजन किया
कोटमोहल्ला गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए पालकी मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंची। यहां केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बेटे महाआर्यमन के साथ पालकी का पूजन किया। पूजन पश्चात सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, ढाबारोड, टंकी चौराहा, मिर्जा नईम बेग मार्ग, छोटा तेलीवाड़ा, कंठाल, सतीगेट, छोटा सराफा, छत्रीचौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार होते हुए पुन: मंदिर पहुंची।
दशहरे पर निकलेगी महाकाल की अगली सवारी
श्रावण-भादौ मास की शाही सवारी के बाद भगवान महाकाल की अगली सवारी 24 अक्टूबर को दशहरे पर निकलेगी। भगवान महाकाल शमी पूजन के लिए चांदी की पालकी में सवार होकर नए शहर दशहरा मैदान जाएंगे।
अवंतिकानाथ चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश, गरुड़ पर शिवतांडव, नंदी पर उमा महेश, रथ पर होलकर, घटाटोप, जटाशंकर, रूद्रेश्वर, चंद्रशेखर तथा सप्तधान स्वरूप में सवार होकर नगर भ्रमण पर निकले।
उज्जैन में आज शाही सवारी के दौरान रामघाट पर बाबा श्री महाकालेश्वर की पूजा अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त करने का सौभाग्य मिला।
बाबा से प्रदेश एवं देश की जनता के विकास और प्रगति के लिए प्रार्थना की। pic.twitter.com/PJHxXssd2d
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) September 11, 2023
नए रथ पर सप्तधान स्वरूप में सवार महाकाल
शाही सवारी में भगवान महाकाल सप्तधान स्वरूप में नए रथ पर सवार होकर निकले। रविवार शाम को दानदाता ने नया रथ मंदिर प्रशासन को सौंप दिया था। श्रावण अधिक मास होने से इस बार भगवान महाकाल की दस सवारियां निकाली गई थीं। इसके लिए समिति ने दानदाताओं के सहयोग से तीन नए रथ बनवाए हैं। दो रथ पिछली सवारियों में शामिल हुए थे। आज एक और नया रथ निकला है।