Kumar Vishwas Comment on RSS: उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। विक्रमोत्सव-2023 में रामकथा कहने आए कवि कुमार विश्वार की टिप्पणी पर बवाल खड़ा हो गया है। दरअसल मंगलवार रात को कथा के दौरान कुमार विश्वास ने वामपंथियों को कुपढ़ और आरएसएस से जुड़े लोगों को अनपढ़ कह दिया। खास बात यह के कथा के दौरान प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डा मोहन यादव, सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक पारस जैन, महापौर मुकेश टटवाल सहित संघ से जुड़े कुछ लोग भी मौजूद थे। भाजपा नेताओं ने ही कथा से पहले कुमार विश्वास का स्वागत किया था। बुधवार को इस टिप्पणी से जुड़ा वीडियो बहुप्रसारित हो गया। इसके बाद बवाल शुरू हुआ। समग्र हिंदू समाज ने प्रेस नोट जारी कर कुमार विश्वास से माफी मांगने को कहा है।
इस बीच आयोजक श्रीराम तिवारी का एक पत्र वायरल हो गया है जिसमें कार्यक्रम रद करने की बात कही गई है।हालांकि महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ के डायरेक्टर श्रीराम तिवारी के अनुसार इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित किया जा रहा पत्र फर्जी है। कार्यक्रम जारी रहेगा।
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वहीं भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसौदिया ने कहा कि कथा वाचकों को कथा कहनी चाहिए, प्रमाण पत्र नहीं बांटने चाहिए। कथा से पहले भाजपा नेताओं ने ही कुमार विश्वास का स्वागत किया था। इनमें प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव, सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक पारस जैन, महापौर मुकेश टटवाल आदि शामिल थे। कुमार विश्वास ने बाद में वीडियो जारी कर अपनी सफाई दी।
उल्लेखनीय है कि विक्रमोत्सव कार्यक्रम के तहत 21 से 23 फरवरी तक रामकथा का आयोजन किया जा रहा है। मंगलवार को कुमार विश्वास ने अपने-अपने राम विषय पर रामकथा सुनाई। रामकथा को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में बताया। एक पुराने प्रसंग का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि लगभग 3-4 वर्ष पहले बजट आने वाला था। तब उनके पास एक बच्चा आकर पूछता है कि बजट कैसा आना चाहिए। वह आरएसएस यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लिए काम करता है। हमारे साथ भी रहता है। कुमार विश्वास ने उससे कहा था- आप लोगों ने रामराज्य की सरकार बनाई है तो रामराज्य वाला बजट आना चाहिए। इस पर बच्चे ने कहा कि रामराज्य में बजट कहां होता था। तब कुमार विश्वास ने कहा कि तुम्हारी यही समस्या है कि वामपंथी तो कुपढ़ हैं और तुम अनपढ़।
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कुमार विश्वास का कहना था कि वामपंथियों ने जो पढ़ा, वह गलत पढ़ा है, इसलिए वह धर्म की गलत व्याख्या करते हैं और एक आप लोग हो, जिन्होंने पढ़ा ही नहीं और वेद के बारे में बात करते हैं। भाई पढ़ भी लो। राजा जब कर ले तो किसी को पता न चले की टैक्स कट गया। ऐसा बजट होना चाहिए। कथा के दौरान की गई इसी टिप्पणी पर आपत्ति ली जा रही है।
मामले को लेकर समग्र हिंदू समाज ने मोर्चा खोला है। विक्रमादित्य शोधपीठ संस्थान निदेशक को पत्र लिखकर कुमार विश्वास को माफी मांगने की मांग की है। समग्र हिंदू समाज के जसविंदरसिंह का कहना है कि आरएसएस ने राम मंदिर निर्माण में महती भूमिका निभाई है। आरएसएस सनातन धर्म के मूल श्रद्धा स्थान वेदों में वर्णित त्याग और दान की भूमिका को धारण कर विश्व में कार्य कर रहा है। देशसेवा में आरएसएस सदैव अग्रणी रहा है। वीडियो प्रसारित होने के बाद आरएसएस समर्थकों ने इंटरनेट मीडिया पर कुमार विश्वास की निंदा की है। कहा है कि कुमार विश्वास को तत्काल माफी मांगनी चाहिए।
बुधवार शाम कुमार विश्वास ने वीडियो जारी कर अपना स्पष्टीकरण दिया और क्षमा मांगी। उन्होंने कहा कि कथा प्रसंग में मेरे कार्यालय में काम करने वाले एक बालक पर मैंने टिप्पणी की थी। संयोग से वह आरएसएस के लिए काम करता है। मैंने उससे कहा कि तुम पढ़ा करो। वामपंथी कुपढ़ हैं, तुम अनपढ़ हो। बस इतनी-सी बात थी। कुछ विघ्न संतोषियों ने इसे फैला दिया। सभी मित्रों से आग्रह है कि जो बोल रहा हूं उसका अर्थ उस तरह से ही लगाएं। आपकी सामान्य बुद्धि में यह प्रसंग किसी और तरीके से चला गया हो तो उसके लिए मुझे क्षमा करें। जिन्होंने यह विघ्न संतोष पैदा किया है, ईश्वर उनकी बुद्धि से भी मलीनता दूर करें।
कालिदास संस्कृत अकादमी में प्रचलित कुमार विश्वास का राम के विषय में चल रहे अनर्गल प्रलाप को मैं प्रामाणिक नहीं मानता। महाकाल की नगरी में वेदों और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों को अनपढ़ कहना इत्यादि विषय में उनका प्रलाप सर्वथा निंदनीय और खण्डनीय है। कुमार विश्वास का नाम ही उनके स्वरूप को स्पष्ट कर रहा है। उनका शास्त्रज्ञान विषयक विश्वास ही अभी कुमारावस्था में है। कुमार अवस्था में व्यक्ति कामाचारी ही होता है। अतः कुमार विश्वास का अध्ययन भी कामाचारी है। उनका गंभीर विषयों पर उद्बोधन बालप्रमत्तवत् सर्वथा उपेक्षणीय है। - राजेश्वर शास्त्री मुसलगांवकर, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, अखिल भारतीय विद्वत परिषद्, वाराणसी