Kaal Bhairav Ashtami 2022: उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। मार्गशीर्ष कृष्ण अष्टमी पर बुधवार को धर्मधानी में भगवान भैरव का जन्मोत्सव मनाया गया। विश्व प्रसिद्ध काल भैरव मंदिर में मध्यरात्रि 12 बजे भगवान को छप्पन पकवानों का भोग लगाकर आरती की गई। आताल पाताल भैरव, आनंद भैरव मंदिर में भी मध्यरात्रि में जन्म आरती हुई।
कालभैरव मंदिर में सुबह पं.धर्मेंद्र पुजारी के आचार्यत्व में सुबह भैरव सहस्त्रनामावली से भगवान कालभैरव का अभिषेक किया। इसके बाद नवीन वस्त्र व सोने चांदी के आभूषण धारण कराकर आकर्षक श्रृंगार किया गया। शाम छह बजे मंदिर परिसर में जन कल्याण के लिए हवन किया गया। रात 12 बजे जन्मोत्सव मना तथा आरती के बाद भक्तों को नुक्ति महाप्रसादी का वितरण किया गया। भगवान के जन्मोत्सव पर मंदिर में आकर्षक विद्युत व पुष्प सज्जा की गई थी।
छप्पन भैरव को चढ़ाई 40 प्रकार की शराब
भैरव अष्टमी पर श्री छप्पन भैरव मंदिर में भगवान को 131 प्रकार की वस्तुओं का भोग लगाया गया। इसमें 40 प्रकार की शराब, 60 प्रकार के पाउच सिगरेट बीड़ी, 180 प्रकार के मुखवास, 390 प्रकार की अगर बत्ती, 200 प्रकार के इत्र, 55 प्रकार की मिठाइयां, 45 प्रकार के बिस्किट, 60 प्रकार के गुजराती नमकीन आदि अर्पित किए गए। रात 8 बजे 1251 दीपों से महाआरती की गई। भगवान के अनूठे महाभोग के दर्शन के लिए सैंकड़ों भक्त उमड़े।
आज तीन स्थानों से निकलेगी भगवान भैरव की सवारी
काल भैरव
भगवान महाकाल के सेनापति भगवान कालभैरव गुरुवार शाम 4 बजे नगर भ्रमण के लिए निकलेंगे। दोपहर 3.30 बजे मंदिर के सभा मंडप में पं.धर्मेंद्र पुजारी के आचार्यत्व में कलेक्टर आशीष सिंह व एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ला भगवान कालभैरव के रजत मुखारविंद की पूजा अर्चना कर सवारी को नगर भ्रमण के लिए रवाना करेंगे। मंदिर से शुरू होकर सवारी तेल तिराहा पहुंचेगी। यहां जेल अधीक्षक द्वारा पालकी का पूजन किया जाएगा। इसके बाद सवारी भैरवगढ़ के प्रमुख मार्गों से होते हुए शिप्रा के सिद्धवट घाट पहुंचेगी। यहां पूजा अर्चना होगी। इसके बाद सवारी मंदिर के लिए रवाना होगी।
आताल पाताल भैरव
सिंहपुरी स्थित आताल पाताल भैरव मंदिर से गुरुवार शाम पांच बजे भगवान आताल पाताल भैरव की सवारी निकलेगी। इससे पूर्व पं.तुषार शुक्ल द्वारा पालकी में विराजित भगवान आताल पाताल भैरव की प्रतिकृति का पूजन किया जाएगा। मंदिर से शुरू होकर सवारी कार्तिक चौक होते हुए शिप्रा तट पहुंचेगी। यहां भगवान की तीर्थ व वसंत पूजा होगी। इसके बाद सवारी कहारवाड़ी, बक्षी बाजार, गुदरी चौराहा, पटनी बाजार, गोपाल मंदिर, ढाबारोड होते हुए पुनः सिंहपुरी पहुंचेगी। मंदिर की परंपरा अनुसार शुक्रवार को शाम 7 बजे कन्या बटुक भैरव का आयोजन किया जाएगा।