उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग क्षरण मामले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआइ) के दल ने दूसरे दिन मंगलवार को भी कार्रवाई की। विशेषज्ञों ने मंगलवार तड़के चार बजे भस्म आरती में भगवान महाकाल को अर्पित भस्म व शृंगार में उपयोग की गई भांग के नमूने लिए। टीम ने सैंपलिंग की वीडियो तथा फोटोग्राफी भी की।
सूत्रों के अनुसार 26 दिसंबर को केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआइ) रुड़की का दल मंदिर के स्ट्रक्चर की मजबूती की जांच हेतु मंदिर पहुंचेगा। ज्योतिर्लिंग क्षरण मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जीएसआइ, एएसआइ तथा सीबीआरआइ रुड़की के विशेषज्ञ समय-समय पर जांच करने के लिए महाकाल मंदिर आते हैं।
सोमवार को भी विशेषज्ञों को पांच सदस्यीय दल महाकाल मंदिर पहुंचा था। सोमवार को दल के सदस्यों ने भगवान महाकाल के जलाभिषेक में उपयोग होने वाले जल के नमूने लिए थे। विशेषज्ञों ने आरओ प्लाट में सप्लाय होने वाले जल तथा आरओ प्लाट से शुद्ध होकर आए दोनों प्रकार के जल के नमूने लिए। इसके बाद भगवान महाकाल को अर्पित किए गए जल का नमूना लिया।
बताया जाता है एकत्र किए नमूनों की अत्याधुनिक लैब में जांच होगी। इसके बाद विशेषज्ञ सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआइ) रुड़की द्वारा समय-समय पर मंदिर के स्ट्रक्चर की मजबूती की जांच भी की जाती है।
26 दिसंबर को सीबीआरआइ का दल स्ट्रक्चर की जांच के लिए मंदिर पहुंचेगा। बताया जाता है मंदिर के आसपास बहुत बड़े क्षेत्र में निर्माण कार्य जारी है। नवनिर्माण के लिए मशीनों से खोदाई भी की जा रही है, इसका प्रभाव मंदिर के मूल स्ट्रक्चर पर तो नहीं पड़ रहा है। विशेषज्ञ नियमित जांच के साथ इस दिशा में भी अपना ध्यान केंद्रित रखेंगे।