Janmashtami 2021: उज्जैन के गोपाल मंदिर में कृष्ण जन्म के बाद पांच दिन तक नहीं होती है शयन आरती
Janmashtami 2021: बछबारस पर माखन मटकी फोड़ने के बाद दोपहर 12 बजे शयन करते हैं भगवान।
By Nai Dunia News Network
Edited By: Nai Dunia News Network
Publish Date: Sat, 28 Aug 2021 11:59:59 PM (IST)
Updated Date: Sun, 29 Aug 2021 09:40:46 AM (IST)
Janmashtami 2021: राजेश वर्मा, उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। सिंधिया देव स्थान ट्रस्ट के प्रसिद्ध गोपाल मंदिर में जन्माष्टमी पर 115 सालों से अनूठी परंपरा जारी है। भादौ कृष्ण अष्टमी पर श्रीकृष्ण जन्म के बाद मंदिर में पांच दिन तक शयन आरती नहीं होती है। पुजारियों के अनुसार जन्म के बाद बालक के जागने व सोने का समय निश्चित नहीं रहता है। इसलिए पांच दिन तक शयन आरती नहीं की जाती है। मान्यता के अनुसार बछबारस पर भगवान बड़े हो जाते हैं और बाललीला करते हुए माखन मटकी फोड़ते हैं। इसके बाद दोपहर 12 बजे आरती कर भगवान को शयन कराया जाता है। पुजारी पं.अर्पित जोशी ने बताया गोपाल मंदिर में जन्माष्टमी से बछबारस तक पांच दिन गोपालजी की बाल भाव से सेवा की जाती है।
अष्टमी पर मध्यरात्रि 12 बजे श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाता है। सभा मंडप में माता यशोदा की गोद में बाल गोपाल की मनोरम झांकी सजाई जाती है। पांच दिन शयन आरती नहीं होती है। भगवान को बालक के रूप में खिलौनों से खिलाया जाता है, लाड़ लड़ाए जाते हैं। बारस के दिन मंदिर के मुख्य द्वार पर माखन मटकी बांधी जाती है। बालगोपाल के रूप में बच्चे माखन मटकी फोड़ते हैं। इसके बाद मंदिर के गर्भगृह में भगवान को माखन मिश्री का भोग लगाकर शयन आरती की जाती है।
30 अगस्त को मनेगा कृष्ण जन्मोत्सव
गोपाल मंदिर में स्मार्त मत के अनुसार जन्माष्टमी मनाई जाती है। परंपरा अनुसार इस बार 30 अगस्त को मध्यरात्रि 12 बजे श्रीकृष्ण जन्म का उत्सव मनाया जाएगा। मंदिर में आकर्षक विद्युत तथा पुष्प सज्जा की जाएगी। 3 सितंबर को सर्वार्थसिद्धि योग की साक्षी में बछबारस मनाई जाएगी।