Jai Gurudev Ujjain: उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। बाबा जयगुरुदेव आश्रम में चल रहे मार्गदर्शक भंडारे के दूसरे दिन मंगलवार को देशभर से दो लाख से अधिक भक्त आश्रम पहुंचे। सुबह के सत्र में सत्संग व नामदान दिया गया। इसके बाद लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान हुआ। आज तीन दिवसीय भंडारे का समापन होगा।
सतगुरु बाबा उमाकांतजी महाराज ने सतसंग में बताया कि गुरु महाराज की दया आपको यहां खींचकर ले आई है। वर्ना इस समय में लोगों का सतसंग में आना बहुत मुश्किल हो रहा है। लोग जगत जाल व मोह माया में फंसे हुए हैं। इस अनमोल मनुष्य शरीर के रहते-रहते अपनी जीवात्मा के कल्याण के लिए गुरु को खोजने की जरूरत है, जो जीते जी देवी देवताओं के दर्शन करा कर मोक्ष दिला दे।
बाबा जयगुरुदेव शब्द योग विकास संस्था, लखनऊ के सौजन्य से महाराज के सानिध्य में लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान किया गया। भारत के विभिन्न प्रांतों से आए लोकतंत्र सेनानियों को मोमेंटो मैडल देकर सम्मानित किया गया।
मार्गदर्शक भंडारे में शामिल होने आए श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन व महालोक को निहारने पहुंच रहे हैं। मंगलवार को दिनभर दर्शनार्थियों का तांता लगा रहा। कल भंडारा संपन्न होने के बाद मंदिर में भीड़ बढ़ने का अनुमान है।
उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। इस्कान मंदिर की गुरु परंपरा में अभिवृद्धि हुई है। पूज्य भक्ति प्रेम स्वामीजी महाराज इस्कान परंपरा के दीक्षा गुरु बन गए हैं। उन्होंने इस्कान के संस्थापक आचार्य श्रील प्रभुपादजी के श्री विग्रह के समक्ष दीक्षा गुरु की शपथ ली, अब वे शिष्यो को दीक्षा दे सकेंगे। पीआरओ राघव पंडित दास ने बताया उज्जैन इस्कान मंदिर के संस्थापक स्वामी भक्ति चारू स्वामीजी महाराज के शिष्य भक्ति प्रेम स्वामीजी महाराज इस्कान के प्रामाणिक दीक्षा गुरु बन गए हैं। उन्होंने 1996 में मायापुर में ब्रह्मचारी के रूप में इस्कान ज्वाइन किया था। उस समय वे वहां स्वास्थ्य सेवा के प्रमुख थे।
2001 से 2004 तक वें इस्कॉन कोलकाता के वाइस प्रेसिडेंट रहे। 2004 से 2011 तक इस्कान उज्जैन में प्रेसिडेंट के रूप में दायित्व का निर्वहन किया। 2015 में उन्हें उनके गुरु महाराज भक्तिचारु स्वामी द्वारा संन्यास प्रदान किया गया था। तीन माह पहले उन्हें इस्कान द्वारा दीक्षा गुरु नामित किया गया तथा सोमवार शाम वे दीक्षा गुरु के दायित्वों के निर्वहन की शपथ लेकर विधिवत दीक्षा गुरु हो गए।