Hari Har Milan Ujjain: उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। सिंधिया देव स्थान ट्रस्ट के प्रसिद्ध गोपाल मंदिर में रविवार-सोमवार की दरमियनी रात 12 बजे हरि हर मिलन हुआ। हर भगवान महाकाल ने हरि द्वारकाधीश गोपालजी का सृष्टि का भार सौंपा। दो देवों के मिलन का दुर्लभ दृश्य देखने के लिए गोपाल मंदिर पर सैकड़ों भक्त उमड़े। भक्तों ने प्रतिबंध के बावजूद खुशियों की आतिशबाजी भी की।
ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर से हरि हर मिलन के लिए रात 11 बजे भगवान महाकाल की सवारी निकली। अवंतिकानाथ भगवान महाकाल चांदी की पालकी में सवार होकर गोपालजी से मिलने गोपाल मंदिर पहुंचे। भगवान महाकाल की ओर से गोपालजी को बिल्व पत्र की माला पहनाई गई। वहीं गोपालजी की ओर से पुजारी ने भगवान महाकाल को तुलसी की माला पहनाई।
इसलिए दशकों से चली आ रही परंपरा
पं. महेश पुजारी ने बताया धार्मिक मान्यता के अनुसार देव शयनी एकादशी पर भगवान विष्णु सृष्टि के संचालन का भार भगवान शिव के हाथों में सौंपकर राजा बलि का आत्थिय स्वीकारते हुए पाताल लोक चले जाते हैं। चातुर्मास के चार माह भगवान शिव सृष्टि का संचालन करते हैं। देव प्रबोधिनी एकादशी पर देव शक्ति जागृत होती तथा चातुर्मास का समापन हो जाता है और भगवान विष्णु अपने लोक लौट आते हैं। इसके बाद वैकुंठ चतुर्दशी पर भगवान शिव पुनः सृष्टि का भार भगवान विष्णु को सौंपने जाते हैं। धर्मकथा का यह प्रसंग प्रतिवर्ष धर्मधानी के गोपाल मंदिर में जीवंत होता है।
तड़के भस्म आरती में भी हरि हर मिलन
रविवार-सोमवार की दरमियानी रात गोपाल मंदिर में होने वाले हरि हर मिलन के बाद सोमवार तड़के 4 बजे महाकाल मंदिर में भस्म आरती के दौरान भी हरि हर मिलन हुआ। पुजारी मंदिर परिसर स्थित साक्षी गोपाल मंदिर से झांझ डमरू की मंगल ध्वनि के साथ गोपालजी को मंदिर के गर्भगृह में लेकर आए यहां भगवान महाकाल के सम्मुख गोपालजी को विराजित कर हरि हर मिलन कराया गया।