धीरज गोमे, उज्जैन। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द का विवाह उज्जैन, देवास और मुरैना से सांसद रहे स्व. हुकुमचंद कछवाय ने 30 मई 1974 को महानगर टेलीफोन निगम में मुख्य सेक्शन सुपरवाइजर रहीं सविता से कराया था। इतना ही नहीं जब वे दिल्ली अध्ययन करने आए थे तो अपने दिल्ली स्थित सरकारी बंगले 19, विंडसर पैलेस में उनकी आवासीय व्यवस्था भी की थी।
रविवार को जब वे उज्जैन आ रहे हैं तो पूर्व सांसद की पत्नी रामकुमारी बाई और बेटे सुनील कछवाय को मिलने के लिए विशेष अनुमति मिली है। राष्ट्रपति के विवाह की वर्षगांठ सोमवार को है।
सुनील कछवाय ने नईदुनिया को बताया कि राम नाथ कोविन्द का हमारे परिवार से गहरा नाता है। अध्ययन के लिए कोविन्द जी जब दिल्ली आए थे तो पिताजी ने सरकारी बंगले में उनके रहने की व्यवस्था की थी। उनका विवाह भी पिताजी ने कराया था।
विवाह में भोजन उज्जैन के गोला मंडी क्षेत्र निवासी लादूराम एवं लालू राम नामक हलवाई ने बनाया था। मालीपुरा स्थित गोथरवाल टेलर ने उनके शादी के कपड़े सिले थे। इस बार राष्ट्रपति के रूप में वे उज्जैन आ रहे हैं। उनके साथ पत्नी सविता और बेटी स्वाति भी हैं। स्वाति, एयर इंडिया में फ्लाइट अटेंडेंट रह चुकी हैं।
प्रशासन की सूची के अनुसार राष्ट्रपति से मिलने की अनुमति एक दादा-पोते को भी मिली है। उनके नाम सत्यनारायण पंवार और कृतिक है। पंवार, कोली समाज के पूर्व अध्यक्ष और सांसद हैं। उन्होंने बताया कि रामनाथ कोविन्द और मैंने 18 राज्यों में साथ भ्रमण कर सामाजिक संगठन को मजबूत बनाया है। उनसे बहुत पुरानी मित्रता है।
पहले भी कई बार उज्जैन आ चुके
राम नाथ कोविन्द पहले भी कई बार उज्जैन आ चुके हैं। अंतिम बार जब वे जब बिहार के राज्यपाल थे, तब उज्जैन महाकाल दर्शन करने आए थे। इसके पहले 28 अप्रैल 1999 को एक विवाह समारोह में आए थे और श्री माधव क्लब में पत्नी संग रुके थे। सन् 1975 में 23, 24 मई को चामुंडा माता मंदिर के पीछे हुए अखिल भारतीय कोली समाज के सम्मेलन में भी वे सम्मिलित हुए थे।
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Koo Appअभी हाल ही में गुजरात के जामनगर में WHO ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन की स्थापना से यह पुष्टि होती है कि विश्व अब हमारी पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को स्वीकार करने के लिए तैयार है। इससे आप सभी का दायित्व और भी अधिक हो गया है: राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद #PresidentInMP - CM Madhya Pradesh (@CMMadhyaPradesh) 29 May 2022
Koo Appउज्जैन से मेरी बहुत सारी पुरानी स्मृतियां जुड़ी हुई हैं। यहां की गलियों से मैं पूरी तरह वाकिफ हूं। सचमुच में भारत गांव का देश है। गांव में जो पारंपरिक चिकित्सा की व्यवस्था है वह आज भी आयुर्वेद की है। इसका स्थान कोई नहीं ले सका है: राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद #PresidentInMP - CM Madhya Pradesh (@CMMadhyaPradesh) 29 May 2022
Koo Appहमने तय किया है कि आयुष औषधालयों में रोगी कल्याण समिति का गठन किया जाएगा। सभी जिला चिकित्सालयों में आयुष विंग अलग से स्थापित कर उसमें आयुर्वेदिक चिकित्सा की व्यवस्था की शुरुआत की जा रही है। इसमें पंचकर्म जैसे चिकित्सकीय उपाय भी शामिल होंगे: CM #PresidentInMP - CM Madhya Pradesh (@CMMadhyaPradesh) 29 May 2022
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Koo Appप्राचीन उपचार की पद्धतियों में शोध, अनुसंधान होना चाहिए। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी इसे आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। माननीय राष्ट्रपति महोदय श्री रामनाथ कोविंद जी के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश में हम आयुर्वेद पर शोध के लिए संस्थान की स्थापना करेंगे: CM #PresidentInMP - CM Madhya Pradesh (@CMMadhyaPradesh) 29 May 2022
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Koo Appपहले जब एलोपैथी डॉक्टर गांव-गांव में नहीं थे, तब इलाज के लिए सहारा वैद्य राज होते थे। वैद्य राज मात्र नाड़ी देख कर ही इलाज कर देते थे। आयुर्वेद का मार्ग भारत ने विश्व को तब दिखाया जब कई देशों में सभ्यताओं का भी उद्भव नहीं हो सका था: CM #PresidentInMP - CM Madhya Pradesh (@CMMadhyaPradesh) 29 May 2022