नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। गुरुवार को उज्जैन में देश की पहली मेडिसिटी का भूमिपूजन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया। इस मेडिसिटी का निर्माण 592.3 करोड़ रुपये की लागत से होगा। इसका उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के साथ-साथ मरीजों और डॉक्टरों को उच्चतम स्तर की सुविधाएं प्रदान करना है।
मेडिसिटी में शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, रिसर्च सुविधाएं, अन्य चिकित्सा पद्धतियों से इलाज, आवासीय सुविधाएं और सुपर मल्टीस्पेशिएलिटी अस्पताल जैसी प्रमुख सेवाएं उपलब्ध होंगी।
मेडिसिटी के निर्माण के बाद उज्जैन में 150 सीटों वाला एक मेडिकल कॉलेज, 605 बेड का सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, 11 बेड का ऑपरेशन थिएटर, कार पार्किंग और अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी।
मुख्यमंत्री यादव ने बताया कि 2025 तक इस क्षेत्र में आयुर्वेदिक एम्स मेडिकल कॉलेज की संभावना भी है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि 2004 तक प्रदेश में केवल 5 मेडिकल कॉलेज थे, जो अब बढ़कर 17 हो गए हैं और 13 निजी चिकित्सा महाविद्यालय भी स्थापित हो चुके हैं।
शासकीय मेडिकल कॉलेज की मांग उज्जैन में वर्षों से की जा रही थी, जिसे पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा के रूप में पेश किया था। हालांकि, भूमि चिह्नित न होने और अन्य तकनीकी अड़चनों के कारण इस परियोजना में देरी हुई। अब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में इस परियोजना को वृहद रूप में तैयार किया गया है और इसका भूमि चयन भी हो गया है।
भूमिपूजन के बाद मुख्यमंत्री ने टावर चौक पर डॉ. भीमराव आंबेडकर की नई प्रतिमा का अनावरण भी किया। उल्लेखनीय है कि कुछ माह पहले एक व्यक्ति ने आंबेडकर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया था, जिसे अब नए रूप में स्थापित किया है।
यह मेडिसिटी क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा, जिससे न केवल उज्जैन बल्कि समूचे मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार आएगा। मुख्यमंत्री के मुताबिक यह परियोजना उज्जैन को एक प्रमुख स्वास्थ्य केंद्र के रूप में स्थापित करेगी।