नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन(Mahakal Mandir Ujjain)। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग दर्शन के लिए आज फिल्म अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा उज्जैन पहुंचे। यहां नंदी हाल में बैठकर उन्होंने परिवार के साथ बाबा महाकाल के दर्शन किए और भेंट चढ़ाई। बॉलीवुड के एक्टर और एक्ट्रेस सहित राजनेता भी यहां लगातार भगवान के दर्शन को पहुंच रहे हैं। श्री महाकाल महालोक बनने के बाद से यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ गई है।
अगहन मास में भगवान महाकाल की पहली सवारी आज
ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर से अगहन मास में सोमवार को भगवान महाकाल की पहली सवारी निकलेगी। महाकाल मंदिर से परंपरा अनुसार शाम 4 बजे राजसी वैभव के साथ सवारी की शुरुआत होगीl इसके बाद परंपरागत मार्गो से होते हुए सवारी शाम 5 बजे मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंचेगी।
यहां पुजारी शिप्रा जल से भगवान महाकाल का अभिषेक पूजन करेंगे। पूजन पश्चात सवारी निर्धारित मार्गों से होते हुए शाम 7 बजे महाकाल मंदिर पहुंचेगी। बता दें कार्तिक अगहन मास में निकलने वाली सवारी के क्रम में 25 नवंबर को भगवान महाकाल की राजसी सवारी निकलेगी।
उज्जैन में सात दिवसीय 66वें अखिल भारतीय कालिदास समारोह का समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह सोमवार शाम 4 बजे होगा। मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा विभाग मंत्री इंदर सिंह परमार, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग मंत्री चैतन्य कश्यप और सारस्वत अतिथि महंत डॉ. सियाराम दास महाराज होंगे।
वे राष्ट्रीय कालिदास चित्र एवं मूर्ति कला प्रतियोगिता, अंतर विश्वविद्यालय और महाविद्यालयीन वाद-विवाद, भाषण आदि प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत करेंगे। कालिदास संस्कृत अकादमी के निदेशक डॉ. गोविन्द गंधे के अनुसार 2024 का चित्रकला पुरस्कार जयपुर के डॉ. शंकर शर्मा, उज्जैन की संजना मालवीय, अहमदाबाद के प्रशांत एम पटेल, भावनगर की निरूपमा मोगा और मूर्तिकला पुरस्कार कटक के बिजय कुमार साहू पाएंगे।
पिछले वर्ष विशेष कारणों से समारोह नहीं हो सका था मगर प्रतियोगिता हुई थी। उस प्रतियोगिता के प्राप्त चित्रों की प्रदर्शनी ढाई महीने पहले अगस्त में लगाई थी। उस प्रतियोगिता के विजेताओं को भी समारोह में पुरस्कृत किया जाएगा।
2023 की चित्रकला प्रतियोगिता के विजेता पुरी की सौदामिनी मुदुली, अजमेर के कैलाश साहू, चम्बा के भुवनेश्वर कुमार, उदयपुर के गणेशलाल गौड और मूर्तिकला प्रतियोगिता के विजेता बैतूल के सन्दीप साकरे पाएंगे।
पुरस्कार स्वरूप सभी को एक लाख रुपये, प्रमाण पत्र और स्मृति चिह्न प्रदान किया जाएगा। इंदौर के आचार्य मिथिला प्रसाद त्रिपाठी राष्ट्रीय कालिदास श्रेष्ठ कृति अलंकरण से सम्मानित किए जाएंगे।