उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। उज्जैन में हिंदूवादी संगठनों के काफिले पर शुक्रवार शाम हुए पथराव के बाद शनिवार को पुलिस-प्रशासन के दल ने उस मकान को तोड़ दिया, जिसकी छत से पत्थर फेंके गए थे। मामले में पुलिस ने दो केस दर्ज किए हैं और 36 लोगों को आरोपित बनाया है। नौ को गिरफ्तार भी कर लिया गया है, वहीं चार के खिलाफ रासुका की कार्रवाई प्रस्तावित की गई है। मकान तोड़ने की कार्रवाई के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों ने विरोध दर्ज कराया और धरने पर बैठे। मौके पर पहुंचे शहर काजी खलीकुर्रेहमान ने यहां तक कहा दिया कि अगर शहर की फिजा बिगड़ी तो हम जिम्मेदार नहीं होंगे। इस पर कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि अगर 10 मिनट में धरना खत्म नहीं हुआ तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों की समझाइश के बाद समाजजनों ने धरना-प्रदर्शन खत्म किया। इसके बाद शाम को मकान पूरी तरह से तोड़ दिया गया। पथराव से जुड़े मामले में यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई बताई जा रही है।
मालूम हो कि शुक्रवार की शाम महाकाल मंदिर के समीप भारत माता मंदिर में आरती और प्रबोधन होने वाला था। इसमें अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर को लेकर जानकारी सहित अन्य विषयों पर चर्चा होनी थी। भाजयुमो, बजरंग दल आदि संगठन के कार्यकर्ता सहित कुछ और संगठनों के सदस्य शहर के अलग-अलग इलाकों से एकत्रित होकर भारत माता मंदिर पहुंच रहे थे। इस दौरान बेगमबाग क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों और महिलाओं द्वारा पथराव किया गया। इसमें नौ लोगों के घायल होने के बाद तनाव निर्मित हो गया। कई वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए थे।
अवैध था मकान, 24 दिसंबर को दिया था नोटिस
जिस मकान से पथराव हुआ था, वह अवैध रूप से बना हुआ है। नगर निगम की ओर से 24 दिसंबर को मकान मालिक अब्दुल हमीद को इस संबंध में नोटिस जारी किया गया था। वीडियो फुटेज से पत्थर फेंकने वालों की पहचान के बाद प्रशासन को जैसे ही पता चला कि उक्त मकान अवैध है, दल भेज इसे तोड़ने को कहा गया। इस मकान में यास्मिन पत्नी मुन्ना नामक महिला और उसका परिवार रहता है। शनिवार सुबह दल ने मकान से सामान निकालने को कहा। मकान में रहने वाले नहीं माने तो सामान निकालकर फेंका गया। इसके बाद मकान तोड़ने की कार्रवाई शुरू की ही थी कि बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग मौके पर पहुंच गए और धरने पर बैठ गए। इसके बाद कुछ देर के लिए कार्रवाई रोकी गई। हालांकि शाम को अधिकारियों ने कार्रवाई पूरी करते हुए मकान को तोड़ दिया।
इन पर दर्ज हुआ मुकदमा
महाकाल पुलिस ने बताया कि शुक्रवार को रैली पर पथराव करने के मामले में नवदीप सिंह पुत्र नीमेशसिंह रघुवंशी निवासी अभिषेक नगर की शिकायत पर सरफराज, फिरदौस, अयाज, वसीम, सोहेल, गोलू बाबा, एजाज गंजा, अकरम भेडा का बेटा मुन्नाा, शाहरूख जलेबी, शहजाद और उसकी पत्नी हीना पर केस दर्ज किया गया है। आरोपितों के खिलाफ धारा 323, 294, 147, 336, 427 के तहत कायमी की गई है। इसी प्रकार चैतन्य आरोण्या पुत्र निंजरन निवासी चौबीस खंबा मार्ग की शिकायत पर दूसरा केस दर्ज किया गया है। इसमें 24 अज्ञात लोगों को आरोपित बनाया है। 9 आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
इन पर रासुका की तैयारी
महाकाल पुलिस ने पथराव करने के मामले में अल्टू उर्फ वहीद खान 52 साल निवासी महाराजवाड़ा घाटी महाकाल मैदान, अयाज पुत्र मोहम्मद एजाज 22 साल निवासी अंसारी जमात खाने के सामने बेगमबाग कॉलोनी, शादाब पुत्र अकरम खान उर्फ अकरम भैंडा 20 साल निवासी महाराजवाड़ा उर्दू स्कूल के पीछे, शाहरूख पुत्र असलम 26 साल निवासी राजीव रत्न कॉलोनी नीलगंगा थाने के पास को गिरफ्तार कर इनके खिलाफ रासुका की कार्रवाई प्रस्तावित की है।
छह घंटों तक ऐसे चला घटनाक्रम
-12 बजे दोपहरः प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारी महाकाल थाने पहुंचे। इसके बाद यहां नगर निगम, पुलिस व प्रशासनिक दल एकत्रित हुआ। बेगमबाग क्षेत्र में एहतियातन पहले से ही पुलिस बल तैनात कर दिया गया था।
-1 बजेः दल बेगमबाग पहुंच चुका था। टीम ने यस्मिन व समीप रहने वाली हीना व रेहाना का मकान खाली करने को कहा। हीना के मकान का सामान निकालकर सड़क पर रख दिया था। यास्मिन के मकान को लेकर विरोध किया गया। क्षेत्रवासियों ने कहा कि मकानों में रहने वाले लोगों के खिलाफ कोई अपराध दर्ज नहीं है। कार्रवाई रोकी जाए।
-1.30 बजेः एडीएम नरेंद्र सूर्यवंशी और एएसपी अमरेंद्रसिंह ने क्षेत्रवासियों से तत्काल वहां से हट जाने को कहा। बेगमबाग क्षेत्र में बैरिकेडिंग कर पूरे क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात कर कार्रवाई शुरू कर दी गई। लोगों के एकत्र होने पर पुलिस ने अपने वाहनों से अनाउसमेंट किया कि धारा 144 लागू कर दी गई है।
-2 बजेः दल द्वारा कार्रवाई जारी रखी गई। सूचना मिलने पर बड़ी संख्या में मुस्लिम समाजजन एकत्रित हुए और धरना प्रदर्श करने लगे। कलेक्टर आशीषसिंह और एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ला मौके पर पहुंचे। शहरकाजी व अन्य लोगों ने बहस की। कलेक्टर ने सख्ती दिखाई।
-3.30 बजेः कार्रवाई कुछ देर के लिए रोक दी गई। कर्मचारी मकान से बाहर आ गए। इस पर धरना दे रही महिलाएं व पुरूष वहां से उठकर चले गए। पुलिस ने भी यातायात सामान्य कर दिया। संभागयुक्त आनंद शर्मा और आइजी करीब 4 बजे बेगमबाग पहुंचे, यहां कुछ देर वाहन से उतरकर खड़े हुए और एडीएम नरेंद्र सूर्यवंशी से चर्चा करने के बाद वापस वाहन में बैठकर चले गए।
- 4. 30 बजेः पूरे क्षेत्र को छावनी में बदला और फिर पोकलेन, जेसीबी बुलाकर दोबारा मकान तोड़ना शुरू कर दिया। पोकलेन मशीन से मकान का आगे का हिस्सा तोड़ दिया। इसके बाद ड्रिल मशीन बुलाकर मकान का बाकी हिस्सा तोड़ा गया।
- 6 बजेः अंधेरा होने के कारण एडीएम नरेंद्र सूर्यवंशी ने कार्रवाई बंद करने को कहा।
बेगमबाग क्षेत्र में पहले भी हो चुके हैं विवाद
बेगमबाग क्षेत्र शहर का सबसे संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है। करीब 10 साल पहले कार्तिक चौक स्थित जगदीश मंदिर की खाती समाज द्वारा निकाली जा रही रथयात्रा पर भी इस क्षेत्र से पथराव हुआ था। जिसके बाद क्षेत्र में तनाव की स्थिति बन गई थी। इसके बाद वर्ष 2015 में भी इस क्षेत्र में तनाव की स्थिति बनी थी। उस दौरान तात्कालीन कलेक्टर कविंद्र कियावत के सिर पर पत्थर लग गया था। इसके बाद एसपी अनुराग व पुलिस बल ने सख्त कार्रवाई कर पथराव करने वाले लोगों को सबक सिखाया था। इसके बाद करीब चार साल पहले क्षेत्र से गुजर रही कावड़ यात्रा पर भी पत्थर फेंके गए थे।
सीएए के विरोध में भी दो माह चला था धरना
बेगमबाग क्षेत्र में भारत माता मंदिर की ओर जाने वाले मार्ग पर मुस्लिम समुदाय द्वारा सीएए का विरोध भी किया गया था। उस दौरान पांडाल बनाकर कई दिनों तक लोगों ने धरना दिया था। उस समय भी बेगमबाग सुर्खियों में रहा था।
जिस मकान की छत से पत्थर फेकें थे, उस पर चले हथौड़े
शहर में हिंदूवादी संगठनों के काफिले पर शुक्रवार शाम हुए पथराव के बाद शनिवार को पुलिस-प्रशासन के दल ने उस मकान को तोड़ दिया, जिसकी छत से पत्थर फेकें गए थे। मामले में पुलिस ने दो केस दर्ज किए हैं और 36 लोगों को आरोपित बनाया है। 9 को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। वहीं चार के खिलाफ रासुका की कार्रवाई प्रस्तावित की गई है। मकान तोड़ने की कार्रवाई के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों ने विरोध दर्ज कराया और धरने पर बैठे। मौके पर पहुंचे शहरकाजी खलीकुर्रेहमान ने यहां तक कहा दिया कि अगर शहर की फिजा बिगड़ी तो हम जिम्मेदार नहीं होंगे। इस पर कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि अगर 10 मिनट में धरना खत्म नहीं हुआ तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों की समझाइश के बाद समाजजनों ने धरना प्रदर्शन खत्म किया। इसके बाद शाम को मकान पूरी तरह से तोड़ दिया गया। पथराव से जुड़े किसी मामले में यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई बताई जा रही है।
बता दें कि शुक्रवार शाम महाकाल मंदिर के समीप भारत माता मंदिर में आरती और प्रबोधन होने वाला था। इसमें अयोध्या में बन रहे राम मंदिर को लेकर जानकारी सहित अन्य विषयों पर चर्चा होनी थी। भाजयुमो, बजरंग दल आदि संगठन के कार्यकर्ता सहित कुछ और संगठनों के सदस्य शहर के अलग-अलग इलाकों से एकत्रित होकर भारत माता मंदिर पहुंच रहे थे। इस दौरान बेगमबाग क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों और महिलाओं द्वारा पथराव किया गया। पथराव में नौ लोगों के घायल होने के बाद तनाव निर्मित हो गया। कई वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए थे।
अवैध था मकान, 24 तारीख को दिया था नोटिस
जिस मकान से पथराव हुआ था, वह अवैध रूप से बना हुआ है। नगर निगम की ओर से 24 दिसंबर को मकान मालिक अब्दुल हमीद को इस संबंध में नोटिस जारी किया गया था। वीडियो फुटेज से पत्थर फेंकने वालों की पहचान के बाद प्रशासन को जैसे ही पता चला कि उक्त मकान अवैध है, दल भेज इसे तोड़ने को कहा गया। इस मकान में यास्मिन पत्नी मुन्नाा नामक महिला और उसका परिवार रहता है। शनिवार सुबह दल ने मकान से सामान निकालने को कहा। मकान में रहने वाले नहीं माने तो सामान निकालकर फेंका गया। इसके बाद मकान तोड़ने की कार्रवाई शुरू की ही थी कि बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग मौके पर पहुंच गए और धरने पर बैठ गए। इसके बाद कुछ देर के लिए कार्रवाई रोकी गई। हालांकि शाम को अधिकारियों ने कार्रवाई पूरी करते हुए मकान को तोड़ दिया। पथराव के मामले में पुलिस ने दो महिलाओं सहित 36 को आरोपित बनाया है। 9 को गिरफ्तार कर लिया गया है।