टीकमगढ़ (ओरछा), Vivah Panchami 2020। बुंदेलखंड की अयोध्या राजाराम की नगरी ओरछा में चल रहे तीन दिवसीय श्री राम विवाह महोत्सव में शनिवार शाम 7 बजे श्रीरामराजा मंदिर से गाजे-बाजों घोड़ा हाथियों के साथ दूल्हा बने श्रीराम जी की भव्य वरयात्रा निकाली गई। बारात में शामिल श्रद्धालु बज रहे भगवान के भजनों व बुंदेली पारंपरिक विवाह गीतों मंत्रमुग्ध रहे, आतिशबाजी के बीच घंटों तक नाचते रहे। राजाराम और माता जानकी के जयकारों के साथ ध्वज पताका लिए मंदिर से बारात निकली। सबसे पहले पालकी में विराजे दूल्हे सरकार को पुलिस के जवानों द्वारा सशस्त्र सलामी के बाद बारात नगर भ्रमण के लिए रवाना हुई। नगर के नझाई मोहल्ला, पावर हाउस, शास्त्री नगर, गणेश दरवाजा, मुख्य मार्ग में श्री राम का द्वार द्वार पर तिलक किया गया। नगरवासियों ने अपने दरवाजों पर मंगल कलश सजाकर भगवान के स्वागत में मकान की छतों से पुष्प वर्षा की गई। बारात रात 12 बजे जानकी मंदिर पहुंची। जहां वैदिक मंत्रों के साथ दूल्हा सरकार का तिलक किया। इसके बाद सारी रात वैवाहिक रस्में चलती रही।
गौरतलब है कि इस पावन बेला में ओरछा नगर के लोगों ने घर-घर मंगल कलश सजाकर दूल्हा बने श्री राम राजा सरकार का तिलक किया और फूलों की वर्षा कर स्वागत वंदन किया। श्री रामराजा मंदिर के मुख्य द्वार पर रात 7 बजे निवाड़ी कलेक्टर आशीष भार्गव व एसपी वाहिनी सिंह की मौजूदगी में पुलिस बल के जवानों ने दूल्हा सरकार की मंदिर से निकासी के मौके पर उन्हें सशस्त्र सलामी दी। इसके बाद सरकार की बारात भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच नगर भ्रमण के लिए निकली। मंदिर के प्रधान पुजारी रमाकांत शरण महाराज एवं पुरोहित वीरेंद्र कुमार बिदुआ ने वैदिक विधि से पूजन कर दूल्हा सरकार को उनके भाई लक्ष्मण सहित पालकी में विराजमान कराया। इसके बाद बारात हजारों राम भक्तों की भीड़ के साथ ढोल नगाड़े गाजों-बाजों के साथ मुख्य चौराहे पर स्थित जनक मंदिर पहुंची, जहां जनकपुरी के पुजारी हरीश दुबे ने राजा जनक के रूप में रामराजा सरकार का तिलक कर बारात की अगुवानी की।
महिलाओं ने गाए बुंदेली गीत
बारात के नगर भ्रमण के दौरान जगह-जगह महिला भक्तों द्वारा गाए जा रहे बुंदेली वैवाहिक गीत 'हरे बांस मंडप छाए, सिया जी खां राम ब्याहन आए' इन गलिन होकें ल्याइयौ री, रघुनाथ बना खों और हरे बांस मंडप छाए, सिया जू खौं राम ब्याहन आए जैसे पारंपरिक गीतों को सुनकर बारात में शामिल श्रद्धालुओं ने श्री राम विवाह का भरपूर आनंद लिया। रात में देश के नामचीन रामलीला कलाकारों द्वारा मंदिर प्रांगण में धनुष यज्ञ, पुष्प वाटिका, धनुष भंजन, लक्ष्मण परशुराम संवाद और सीता स्वयंवर का मंचन किया गया। इस दौरान बुंदेलखंड के ग्रामीण अंचलों से प्राचीन परंपरा अनुसार कई कीर्तन मंडलियां ओरछा पहुंचीं और पूरी रात राम सभाओं का दौर चलता रहा। सुबह मंदिर के चौक में राम कलेवा का आयोजन किया जाएगा। सभी कीर्तन मंडलियों को मंदिर प्रबंधन की ओर से प्रसाद देकर विदा किया गया।
ओरछा में भगवान और भक्त के बीच राजा-प्रजा का संबंध
देश में ओरछा ही एक ऐसी जगह है। जहां भक्त और भगवान के बीच राजा और प्रजा का संबंध है। इसलिए ओरछा के परकोटा के अंदर सिर्फ रामराजा सरकार को ही गार्ड आफ आनर दिया जाता है। ओरछा कि सीमा के अंदर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री समेत कोई भी अति विशिष्ट व्यक्ति गार्ड आफ आनर नहीं लेता है। इस तरह की पांच सौ वर्ष पुरानी एक नहीं कई ओरछा में परंपराएं आज भी जीवंत है। परम्पराओं की इसी श्रृंखला में प्रतिवर्ष श्री रामराजा सरकार के विवाह की वर्षगांठ का तीन दिवसीय आयोजन भी होता है। विवाह पंचमी महोत्सव को देखकर आज भी बुंदेली राजशी वैभव की याद ताजा हो जाती है। राजशी अंदाज में होने वाला प्रतिभोज व रामराजा सरकार की बारात की शोभा यात्रा अपने आप में अनूठी होती है। इसमें इस वर्ष भी देश के विभिन्ना हिस्सों से आए करीब चालीस से पचास हजार श्रद्घालुओं ने भाग लिया।
खजूर की पत्तियों से बना मुकुट
बारात में दूल्हा के रूप में विराजमान रामराजा सरकार की प्रतिमा को पालकी में बैठाया गया। विवाह के दौरान उनके सिर पर सोने का मुकुट नहीं था। बल्कि आम बुंदेली दूल्हों की तरह खजूर के पेड़ की पत्तियों का मुकुट उनके सिर पर पहनाया गया। पालकी के एक ओर छत्र और दूसरी ओर चंवर को देखकर सैकड़ों वर्ष पुराने बुंदेली राजशी वैभव की याद ताजा हो रही थी। विद्युत छटा से जगमगाएं ओरछा के रास्तों के बीच पालकी के आगे आज भी बुंदेली अंदाज में मशालीची मशाल लेकर आगे आगे चल रहे थे। इसके साथ ही सैकड़ों की संख्या में घोड़े नृत्य कर रहे थे। बैंड बाजों व डीजे की धुन पर हजारों श्रद्धालु थिरक रहे थे। इस दौरान नगर की गली गली बुंदेली वैवाहिक गीतों से गूंज उठी।
आकर्षक लाइटों से सजी नगरी
भगवान श्रीरामराजा सरकार की नगरी आकर्षक लाइटों से सजी हुई है। मंदिर के आसपास एक ही कलर से घरों और दुकानों की पुताई की गई। साथ ही लोगों ने घरों की छतों से आकर्षक लाइटें लगाई हुईं हैं। ऐसे में पूरी नगरी लाइटों से जगमगा रही थी। साथ ही आतिशबाजी भी जमकर होती रही। एक सैकड़ा से ज्यादा घोड़े बारात में शामिल रहे। जहां पर बैंड बाजों की धुन पर घोड़े भी नृत्य करते हुए नजर आए।
मंदिर में हुआ सुंदरकांड का पाठ
विवाह पंचमी अवसर के चलते टीकमगढ़ जिला मुख्यालय स्थित नजरबाग मंदिर परिसर में पं.रामगोपाल शर्मा एंड पार्टी के द्वारा मनोहारी सुंदरकांड का पाठ किया गया। इसमें काफी संख्या में पहुंचे श्रद्घालुओं ने हिस्सा लिया। इसके बाद भगवान को हल्दी की रस्म अदा की गई। वहीं दोपहर में ही मंडप का कार्यक्रम आयोजित किया गया, लेकिन इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते मंडप की पंगत आयोजित नहीं की गई।