shivpuri national park news: नेशनल पार्क में घूम रहा बाघ, इसलिए बलारपुर की जगह करई में लगेगा नवरात्र मेला
नेशनल पार्क के बाहर करई में लगेगा मेला, मंदिर में दर्शन के लिए जा सकेंगे श्रद्धालु
By Nai Dunia News Network
Edited By: Nai Dunia News Network
Publish Date: Tue, 21 Mar 2023 08:32:51 PM (IST)
Updated Date: Tue, 21 Mar 2023 09:51:55 PM (IST)
- बलारपुर मेले और मंदिर में दर्शन को लेकर दिनभर बनी रही असमंजस की स्थिति
शिवपुरी (नईदुनिया प्रतिनिधि)। नवरात्र के दौरान बलारपुर मंदिर में लगने वाले मेले को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। माधन राष्ट्रीय उद्यान के बलारपुर रेंज में बने बाड़े में 10 मार्च को तीन बाघ लाए गए हैं और एक बाघ खुले में छोड़ा जा चुका है। बलारपुर रेंज में पहले से ही प्रवेश सख्ती के साथ प्रतिबंधित कर दिया गया है।
बुधवार से शुरू होने जा रहे नवरात्र के पर्व पर यहां प्रवेश को लेकर दिनभर असमंजस की स्थिति बनी रही। देर शाम मेले को लेकर आदेश जारी किए गए। अब बलारपुर मेला मंदिर के पास नहीं, बल्कि पार्क की सीमा के बाहर करई ग्राम में लगेगा। श्रद्धालु मंदिर में दर्शन करने के लिए जा सकेंगे, लेकिन मंदिर और उसके आसपास भंडारे के लिए प्रसाद नहीं बना पाएंगे। मेले में लगने वाली दुकानों की व्यवस्था ईको विकास समिति देखेगी। बैठक में एडीएम ने विभिन्न विभागों को आवश्यक व्यवस्था बनाने के निर्देश भी दिए। मेले के लिए तहसीलदार को प्रभारी बनाया गया है। मेले में आने-जाने के लिए एक ही प्रवेश द्वारा करई स्थित रास्ते में बनाया जाएगा। इसके अलावा बलारपुर में आने-जाने के लिए माधव राष्ट्रीय उद्यान व अन्य ग्रामों से जो भी रास्ते हैं उन्हें पुलिस और वन विभाग बैरिकेटिंग कर रोकेगी। इन प्रवेश द्वारों पर विभागीय गार्ड भी तैनात किए जाएंगे।
यह रहेंगी मेले में व्यवस्थाएं
- मंदिर के आसपास 40 महिला टायलेट बनाए जाएंगे। मंदिर के पास बैठने के लिए टेंट भी लगाया जाएगा।
- नेशनल पार्क के अंदर फारेस्ट चौकी में में और मावि करई में स्वास्थ्य शिविर लगाया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी सतनवाड़ा बीएमओ की दी गई है। - मेले में पहुंचने के लिए करैरा की ओर से आने वाले और शिवपुरी की ओर से आने वाले मार्ग की हर ग्राम पंचायत में टेंट व पेयजल की व्यवस्था रहेगी।
- ईको विकास समिति बस, ट्रक, हैवी व्हीकल से 100 रुपये प्रति वाहन, ट्रैक्टर, जीप व कार से 20 रुपये प्रति वाहन और मोटरसाइकल से 10 रुपये प्रति वाहन शुल्क लेगी। मेले में लगने वाली दुकानों का किराया 100 रुपये होगा।
- पशु बलि पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगी।
- मेले में कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा।
मंदिर से चंद किमी ही दूरी पर पानी के आसपास रही टाइगर की लोकेशन
राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारियों के अनुसार टाइगर की लोकेशन बाड़े से बहुत अधिक दूर नहीं है और वह बलारपुर रेंज में ही है। टाइगर को अब इस क्षेत्र का माहौल रास आ रहा है और वह बहुत अधिक मूवमेंट करने के बजाए अधिकांश समय आराम फरमाता हुआ नजर आया। अभी उसने कोई शिकार भी नहीं किया है। बताया जा रहा है कि टाइगर यहां नदी के आसपास ही है। यह क्षेत्र बलारपुर मंदिर से अधिक दूरी पर नहीं है। यहां से मंदिर की दूरी बमुश्किल तीन से चार किमी ही है। ऐसे में लोगों से उसे दूर रखना चुनाैतीपूर्ण रहेगा। हालांकि उसे सेटेलाइटर कालर के जरिए हर वक्त ट्रेस किया जाता है। ऐसे में उसे मंदिर की ओर नहीं आने दिया जाएगा।
राष्ट्रीय उद्यान को लेकर यह हैं चार बड़ी चिंताएं
1. नवरात्र में दो लाख से अधिक श्रद्धालु बलारपुर मंदिर पहुंचते हैं। यह अपने साथ पालीथिन और अन्य सामान भी लेकर जाते हैं जिसे जंगल में ही फेंक आते हैं। इससे जंगल में टनों कचरा एकत्रित हो जाता है। इसे वहां के जानवर खाते हैं। इसे बीनना भी बहुत चुनौतीपूर्ण होता है।
2. हर साल मेले के बाद जंगल में आग लगने की घटना भी सामने आती है। इससे जंगल कई महीनों के लिए अव्यवस्थित हो जाता है क्योंकि यह आग दो से तीन दिन में बुझती है। इसे जमीन के अंदर रहने वाले छोटे जीव और पक्षियों के अंडों को नुकसान होता है।
3. बड़ी संख्या में बाहरी लोगों के पहुंचने से पार्क की हैविटेट को काफी नुकसान पहुंचता है। आग लगने के बाद वन्यजीवों का हैविटेट चार महीनों के लिए खराब हो जाता है क्योंकि आग लगने से जंगल को जो नुकसान पहुंचता है वह जुलाई तक बारिश के बाद ठीक हो पाता है।
4. बहुत अधिक भीड़ से टाइगर के पलायन का खतरा बन सकता है। अपने स्वभाव के अनुसार टाइगर भीड़ पसंद नहीं करता है। ऐसे में आशंका है कि वह यहां अपना हैविटेट न बनाए। मादा भी ऐसे स्थानों पर बच्चे देना पसंद नहीं करती है। अधिकारी किसी तरह की घटना होने की आशंका से भी चिंतित हैं।