Sheopur News: श्योपुर। नईदुनिया प्रतिनिधि। श्योपुर जिले के कूनो-पालपुर अभयारण्य में चीतल-सांभर के साथ हिरणों की संख्या प्रतिवर्ष बढ़ रही है। साथ ही चिंकारा चाैसिंगा के कुनबे में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। हिरणों व चिंकारा का कुनबा बढ़ना पर्यटकों के लिए अच्छी खबर है। पर्यटकों को एक साथ बड़े समूह में होने से हिरण आकर्षित करते हैं। इसके अलावा शिकार की प्रचूरता के कारण अभयारण्य में भेडियों की संख्या भी 730 हो गई है। इसके अलावा अन्य जानवर भी बढ़े हैं।
जिले में चीतल 27 हजार से पार पहुंचे
गणना रिपोर्ट के मुताबिक (सामान्य वन मंडल को छोड़कर) जिले में चीतल का कुनबा 27 हजार 253 के पार पहुंच गया है। अभ्यारण के साथ-साथ जिले में भी वन्यजीवों की संख्या बढ़ रही है। सांभर की संख्या 27 हजार 808 के ऊपर है। इसके साथ ही कई स्थानों पर काले हिरण भी दिखाई दे रहे हैं। मोरों की संख्या भी बढ़ी है। गिद्धों का भी कुनबा पढ़ा है। यह पर्यावरण को स्वच्छ रखने में काफी बड़ी भूमिका निभाते हैं। कूनो डीएफओ पीके वर्मा के मुताबिक अभ्यारण में वन्यजीवों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इनकी देख-रेख के लिए पुख्ता इंतजाम किया जा रहा है।
पर्यटकों के लिए अच्छी खबर
कूनाे डीएफओ वर्मा के मुताबिक वन्य जीवों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यह पर्यटकों और हमारे लिए अच्दी खबर है। पर्यटक आने से अभ्यारण के इनकम भी बढ़ोतरी होगी। जिससे हम पर्यटकों और वन्य जीवों के रहने के लिए और भी खास इंतजाम कर सकेंगे। डीएफओ के मुताबिक जंगली सूअरों के संख्या में जरूर कमी आई है, लेकिन 2021 की गणना में िस्थति पूरी तरह से स्पष्ट हो जाएगी।
चिंकारा की संख्या 6 गुना पहुंची
कूनाे डीएफओ वर्मा के मुताबिक कूनो-पालपुर अभ्यारण में 2014 में चिंकारा की संख्या 206 थी। 2016 में यह 792 पहुंच गई थी। लेकिन अब यह संख्या 7 हजार 585 से अधिक पहुंच गई है। जबकि लंगूर 9 हजार 117 से ऊपर निकल गए हैं। यह लंगूर घाटी तक अादि नोनपुरा घाटी में सबसे अधिक दिखाई देते हैं। इसी तरह नीलगाय भी 5662 से अधिक हैं।
चिंकारा और ब्लैक बक का बढ़ना आने वाले चीतों के लिए अच्छी बात
डीएफओ वर्मा के मुताबिक देहरादून से आई टीम को भी अभ्यारण अच्छा लगा है। कूनो-पालपुर चीतों के रहवास और भोजन के लिए पूरी तरह से अनुकूल बतया है। बता दें कि चीता का पसंदीदा भोजन चिंकारा और ब्लैक बक (काला हिरन) होता है। साथ ही इसके लिए मैदान भी चाहिए। ताकि वह अपने शिकार को दौड़ाकर पकड़ सके। चीता को शिकार करने के लिए छोटे वन्यप्राणी और लंबे खुले मैदान वाला क्षेत्र चाहिए। उन्हें छिपने के लिए घास की जरूरत होती है। कूनो अभ्यारण में लंबे खुले घास के मैदान हैं।
कूनो अभ्यारण में यह है वन्यजीवों की संख्या
जानवर 2018 2016 25014
चीतल - 27253 - 22370 - 18096
सांभर - 27808 - 2630 - 2275
नीलगाय - 5562 - 3336 - 1206
चौसिंगा - 827 - 217 - 275
चिंकारा - 7585 - 792 - 206
जंगली सूअर - 3768 - 4248 - 1482
हिरण - 655
काला हिरण - 2774
लंगूर - 9117
अन्य जानवार - 18753
इनका कहना है
कूनो-पालपुर अभ्यारण्य में वन्य जीवाें की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है। यह पर्यटकों के लिए लिहाज से बहुत अच्छा है। नई गणना 2021 में कराएंगे। इसकी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
प्रकाश कुमार वर्मा, डीएफओ कूनाे
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