-बाल मजदूरी को लेकर कार्यक्रम आयोजित
-फोटो सहित
भिंड(नईदुनिया प्रतिनिधि)। शहर के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 2 में सोमवार को बाल मजदूरी के विरुद्ध जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें छात्रों को शॉर्ट फिल्म दिखाकर और प्रशिक्षण के माध्यम से जागरूक किया गया। साथ ही कानूनी प्रावधान भी बताए गए।
कार्यक्रम की शुरुआत में बाल मजदूरी विषय पर आधारित एक शॉर्ट फिल्म दिखाई गई। इसके बाद यूनिसेफ मप्र के साथ आगा इंटर्नशिप कर रहे धर्मेंद्र सिंह तोमर ने कार्यक्रम में बच्चों से प्रत्यक्ष संवाद स्थापित किया। उन्होंने बताया कि भारत में करीब 1.1 करोड़ बच्चे भिन्ना-भिन्ना कारणों से बाल मजदूरी में संलग्न हैं, जिसमे 56 लाख लड़के तथा 45 लाख लड़कियां हैं। वहीं दुनिया में 15.20 करोड़ बच्चे बाल मजदूरी के शिकार हैं, हमारे आसपास हर 10 में से एक बच्चा बाल मजदूरी का शिकार है। बच्चों का काम स्कूल जाना है न की बाल मजदूरी करना, शिक्षा और जागरूकता से ही समाज में बदलाव लाया जा सकता है। लॉकडाउन के बाद बाल मजदूरी में बढ़ोत्तरी हुई है, जहां मध्य प्रदेश बालको पर हो रहे अपराधों में प्रथम स्थान पर है तो वही बाल लैंगिक शोषण में दूसरे स्थान पर है साथ ही हमारे आसपास से हर रोज 30 बच्चे गायब होते हैं, जिनमे से 9 ऐसे है जो कभी घर वापस नहीं पहुंचते।
कोई बच्चा मजदूरी करते नजर आए तो 1098 पर दें जानकारीः
धर्मेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रदेश बाल लिंगानुपात में भी पिछड़ा है तथा प्रदेश में बच्चों के द्वारा किए गए अपराधों में भी प्रथम स्थान पर है। इसके साथ ही उन्होंने अपील करते हुए कहा कि यदि भिंड में कोई भी बच्चा बाल मजदूरी करता हुआ मिले तो इसकी सूचना चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 को दें या भारत सरकार के पेंसिल पोर्टल पर भी ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते हैं। बाल मजदूरी करने वाले बच्चों को प्रशासन की तरफ से बाल कल्याण समिति के सहयोग से प्रति बच्चा 2000 रुपये का मासिक भत्ता भी उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है। वहीं दूसरे सेशन में छात्र-छात्राओं को पॉस्को एक्ट 2012 के कानूनी प्रावधान और किशोर न्याय (बालको की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, 2005 के प्रावधानों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्राचार्य वीपी पांडे ने आभार व्यक्त करते कहा कि रचनात्मक कार्यक्रमों से छात्रों में समाज के वास्तविक और व्यवहारिक पहलू को समझने में मदद मिलती है। जिससे छात्रों का मानसिक विकास बेहतर ढंग से होता है। इस कार्यक्रम का संचालन आदित्य दुबे ने किया।