मनाेज श्रीवास्तव, श्याेपुर नईदुनिया। कूनो-पालपुर नेशनल पार्क में अफ्रीकी चीतों की तैयारियां ने तेजी पकड़ ली है। प्रबंधन चीतों को अप्रैल शुरूआत में आना मानकर चल रहा हैं। चीतों के लिए बनाए गए पांच बाड़े में रहने वाले बड़े जानवर बैल, गाय, भैंस, नर नील गाय के अलावा घातक जानवर तेंदुआ और हायना को बाहर करने की तैयारी शुरू हो गई है। अधिकारियों का कहना हैपर्ड को बाहर करने के लिए ट्रैप कैज (पिंजरा में बकरी आदि बांधकर पकड़ा जाता है) का तरीका अपनाया जाएगा।
कूनो-पालपुर नेशनल पार्क में चीतों के लिए पांच वर्ग किमी एरिया में 8 फीट ऊंचा बाड़ा बन गया है। ऊपरी हिस्से के बाद 2.9 एमएम वाई आकर की फेसिंग लगाने के साथ ही इसमें तीन स्तर की (3-3 और 2) कोर की सुरक्षा दी गई है। बाहरी जानवर प्रवेश नहीं कर सकें, इसके लिए सोलर फैंसिंग सिस्टम एनक्लेजर के बाहरी छोर पर दिया है, जिससे करंट के डर से जानवर सोलर फैसिंग के पास फिर से जाने से जरूर डरेगा। कूनो डीएफओ पीके वर्मा के मुताबिक चीतों के लिए बनाए गए पांच बाड़ों में लगाए गए सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन सर्चिग में बड़ी संख्या में बैल, गाय, नील गाय, लेपर्ड और हायना सहित भालू भी दिखाई दिए हैं। चीता बड़े जानवर बैल, गाय और नर नीलगाय का शिकार कम कर पाते हैं। इनका शिकार करने के दौरान चीतों के लिए खतरा रहता है। इसलिए इन्हें बाड़े से बाहर किया जाएगा।
लेपर्ड के लिए लगाएंगे पिंजराः डीएफओ वर्मा के मुताबिक बाड़ों में करीब 4 से 5 लेपर्ड और हायना भी देखे गए हैं। इन जानवरों को बाहर करने के लिए बाड़े का मुख्य गेट खोलकर टीम सर्चिग करेगी, जिससे अधिकांश वन्यजीव बाहर आ जाएंगे। जबकि लेपर्ड क लिए पिंजरा लगाया जाएगा। पिंजरा में कैद कर इन्हें बाड़े से बाहर किया जाएगा।
वर्जन-
कूनो पार्क में चीते आने के लिए हमारी तरफ से सभी तैयारियां पूरी हैं। बाड़े में बड़े और खतरनाक जानवरों को बाहर करने की तैयारी कर रहे हैं। चीतों के शिकार के अंदर जंगली सुअर, सांभर, चीतल सहित छोटे वन्यजीवों को छोड़ जाएगा।
पीके वर्मा, डीएफओ कूनो-पालपुर नेशनल पार्क