Cheetah Died in Kuno: नामीबिया व दक्षिण अफ्रीका से लाकर कूनो नेशनल पार्क में बसाए गए चीतों की मौत ने चीता प्रबंधन व निगरानी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। चार दिनों में दूसरे चीते की मौत हुई है। कूनो के खुले जंगल में छोड़ा गया नर चीता सूरज शुक्रवार को मानीटरिंग दल को घायलावस्था में मिला था। थोड़ी देर बाद ही उसकी मौत हो गई। अब तक पांच वयस्क चीतों व तीन शावकों की मौत हो चुकी है। बता दें कि नामीबिया से आठ और दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते कूनो नेशनल पार्क लाए गए थे।
इनमें से एक मादा चीता ने चार शावकों को जन्म दिया था। वर्तमान में 11 चीते खुले जंगल व चार चीता व एक शावक को बाड़े में रखा गया है। खुले जंगल में चीता की मौत की यह पहली घटना है। इससे पहले बाड़ों में मौजूद चीतों की मौत के मामले सामने आए थे। नर चीता सूरज व उससे पहले बाड़े में मौजूद नर चीता तेजस की मौत में चोट के निशान एक स्थान पर और एक जैसे नजर आए हैं, जो सवाल खड़े कर रहे हैं।
गले में गहरे जख्म के निशान आपसी संघर्ष की देन हैं या कोई और वजह, यह भी चर्चा में है। चीतों के गले में कालर आइडी पहनाई गई है। जिनके जरिए उनकी मानीटरिंग की जाती है। हाल में मृत दोनों चीतों के गले पर चोट कालर आइडी के पट्टों के पास ही मिली है। हालांकि वनाधिकारी इस मसले पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।
नहीं मिल पाया इलाज कूनो पार्क प्रबंधन के अनुसार शुक्रवार की सुबह 6:30 बजे चीता मानिटरिंग टीम(निगरानी दल) ने कूनो के पालपुर पूर्व परिक्षेत्र के मसावनी बीट में नर चीता सूरज को सुस्त पड़ा देखा। थोड़ा नजदीक जाने पर चीता के गले पर मक्खियां मंडराती दिखीं। निगरानी दल और पास पहुंचा तो चीता उठक भागने लगा। दल ने इसकी सूचना कंट्रोल रूम व अधिकारियों को दी।
इसके बाद फिर उसकी खोज की गई तो वह मृत अवस्था में मिला। उसे घायल देखे जाने के बाद उपचार भी नहीं दिया जा सका। प्रारंभिक जांच में मृत्यु का कारण गर्दन और पीठ पर घाव होना बताया गया है। सवाल फिर उठने लगा है कि चोट कब लगी। मानीटरिंग दल को समय से चोट की सूचना क्यों नहीं लगी। संक्रमण बढ़ने के बाद ही पता चल पाना निगरानी प्रणाली के लिए बड़ा सवाल बन गया है।
चीतों की मौत की घटनाएं
-27 मार्च को किडनी में संक्रमण से मादा चीता साशा की मौत
-23 अप्रैल को नर चीता उदय की हार्ट अटैक से मौत
- 9 मई को बाड़े में दो नर चीतों अग्नि और वायु के साथ संघर्ष में मादा चीता दक्षा की मौत
-23 मई को एक चीता शावक की मौत
-25 मई को दो अन्य शावकों की मौत
-11 जुलाई को चीता तेजस की मौत
- 14 जुलाई को चीता सूरज की मौत