नईदुनिया बंगवार शहडोल (Shahdol News)। मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम लिमिटेड ने बुढ़ार से अमरकंटक मार्ग पर लगभग 80 किलोमीटर लंबी नई सड़क के लिए डीपीआर बनाने की तैयारी पूरी कर ली है। अक्टूबर में प्राथमिक सर्वे का कार्य भी हिमाचल प्रदेश की एक बड़ी एजेंसी ने पूरा कर लिया है।
माना जा रहा है कि नई सड़क में बुढ़ार व धनपुरी नगर के बाहर बाईपास निर्माण के साथ ही देवहरा धिरौल व आगे राजेंद्रग्राम और अमरकंटक के बीच सड़क पर जगह जगह मोड़ कम करने के साथ ही सीधी सड़क निर्माण की कार्ययोजना बनेगी। इसमें शहडोल से अमरकंटक के बीच कुल दूरी पांच से दस किलोमीटर तक कम हो सकती है।
एमपीआरडीसी के माध्यम से शहडोल संसदीय क्षेत्र में चार सड़कों के नवनिर्माण की तैयारी है। इनमें राजेंद्रग्राम से लीलाटोला तक 36 किलोमीटर, बुढ़ार से अमरकंटक 80 किलोमीटर, मानपुर टेटका मोड़ से जयसिंहनगर होते हुए छत्तीसगढ़ की सीमा तक 68 किलोमीटर, इंदवार से ताला और ताला से परासी होते हुए उमरिया मार्ग 48 किलोमीटर शामिल हैं। इससे आवागमन मे सुविधा होगी और आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र मे सड़क कनेक्टिविटी मे कसावट आएगी।
शहडोल से अमरकंटक मार्ग स्टेट हाइवे क्रमांक 9 जो आए दिन बाधित होता रहता है, स्थानीय और बाहरी राहगीरों के लिए किरर घाट होकर ही अमरकंटक एक मात्र नज़दीकी रास्ता होने के कारण दशकों से लोग इसी मार्ग का उपयोग करते रहे हैं।
बीते वर्षों से किरर के घाट लगातार टूट के गिर रहे हैं जिससे महीनों महीनों तक मार्ग बाधित रहता है।इस वर्ष भी करीब 17 करोड़ रुपए से किरर घाट में स्टील नेट और कंक्रीट बिछाने के लिए खर्च कर दिए गए, लेकिन किरर मार्ग की जगह एक बेहतर वैकल्पिक सुगम और कम दूरी वाला मार्ग बनाया जाए तो एक बड़ी समस्या से निजात पाया जा सकता है।
धनपुरी से बंगवार होते हुए बेम्हौरी गरफंदिया होकर सड़क को तुम्मीवर, धनौरा, तुर्री के दलान टोला होते हुए बिलाई खेरवा, पड़री होते हुए लेढ़रा तक लाकर फिर से स्टेट हाइवे 9ए में मिला दिया जाए तो इस मार्ग में किरर पूरी तरह से अलग पड़ जाएगी। यानी मुख्य समस्या ही खत्म।
इस मार्ग में किरर की तरह एकमुश्त खतरनाक खड़ी चढ़ाई नहीं है, वर्तमान में उक्त मार्ग में कहीं पीएमजीएसवाय तो कहीं पगडंडी मार्ग है जिससे बरसात के अलावा पूरे साल दोपहिया वाहन और ट्रैक्टर आदि आवागमन करते हैं। यानी दर्जनों गांव के ग्रामीण भी इस मार्ग से पूरी तरह सहमत हैं।