UPSC CSE Result: सिविल सेवा मुख्य परीक्षा की रिजर्व सूची जारी, सीहोर के हिमांशु का चयन
यूपीएससी द्वारा चयनित अभ्यर्थियों की पहली सूची में हिमांशु गुप्ता महज एक अंक से चूक गए थे। उन्हें उम्मीद है कि भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवाओं में आईआरटीएस के रूप में सेवा करने का मौका मिलेगा। वह फिलहाल मप्र हाईकोर्ट में वकालत करते हैं।
By Akash Mathur
Publish Date: Sat, 26 Oct 2024 02:43:07 PM (IST)
Updated Date: Sat, 26 Oct 2024 02:43:07 PM (IST)
हिमांशु गुप्ता। HighLights
- चार साल से हाईकोर्ट में वकील हैं हिमांशु गुप्ता।
- नेशनल लॉ स्कूल, बेंगलुरु से लॉ ऑनर्स की डिग्री ली।
- उनके पिता आदिवासी कल्याण विभाग में कार्यरत हैं।
नवदुनिया प्रतिनिधि, सीहोर। संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) ने सिविल सेवा परीक्षा&2023 की आरक्षित सूची जारी कर दी है। इसमें कुल 120 उम्मीदवारों का चयन हुआ है। इस सूची में सीहोर के हिमांशु गुप्ता का नाम भी नाम है। छोटे से शहर के एक बेहद प्रतिभाशाली, विनम्र और आत्मविश्वासी लड़के ने एक बड़ा मुकाम हासिल किया है और पूरे शहर को गौरवान्वित किया है।
नेहरू कॉलोनी निवासी सतीश कुमार गुप्ता और स्वर्गीय मिथलेश गुप्ता के बेटे हिमांशु ने यूपीएससी परीक्षा में बाजी मार ली है, जिसे सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। क्योंकि लाखों उम्मीदवारों में से केवल सैकड़ा भर ही इस परीक्षा को पास कर पाते हैं। अब हिमांशु को भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा में शामिल होने की उम्मीद है। हिमांशु ने क्लेट में भी सफलता प्राप्त की थी और मप्र उच्च न्यायालय में अधिवक्ता के रूप में पंजीकृत हैं। उनके पिता मप्र सरकार के आदिवासी कल्याण विभाग में कार्यरत हैं।
गौरतलब है कि हिमांशु की यह पहली सफलता नहीं है। इससे पहले उन्होंने एआईआर 6 के साथ क्लेट पास किया है। और पूर्व सीजेआई एसए बोबडे द्वारा दिए गए स्वर्ण पदक के साथ नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु से लॉ आनर्स पूरा किया। वह 2020 से मप्र उच्च न्यायालय में वकालत कर रहे हैं।
हिमांशु ने बताया कि आज वह बहुत खुश हैं और उनके दोस्तों और रिश्तेदारों के ढेरों फोन आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज उन्हें अपनी मां की याद आ रही है जो आज उनकी सफलता का सबसे मजबूत आधार हैं। हिमांशु ने वर्ष 2022 में अपनी मां को खो दिया था। वह अपनी सफलता का श्रेय अपने बड़े भाई राघव, अपने छोटे भाई हेमंत गुप्ता, अपने दोस्तों और गुरुओं को देते हैं। जिन्होंने इस कठिन यात्रा में उनका साथ दिया।
अपने कार्यस्थल और काम के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि यूपीएससी ने अप्रैल में परिणाम घोषित किए थे। लेकिन उस दौरान एक आरक्षित सूची रखी गई थी, जो शुक्रवार को जारी की गई थी। पिछली सूची में वह केवल एक अंक से चूक गए थे। हालांकि, अब उनका नाम यूपीएससी सीएसई 2023 के चयनित उम्मीदवार के रूप में रखा गया है। अपनी नौकरी के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि वह जल्द ही भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवाओं में आईआरटीएस के रूप में सेवा करने की उम्मीद कर रहे हैं।