नवदुनिया प्रतिनिधि, सीहोर। अतिशेष शिक्षकों की सूची आने पर हर बार हंगामा होता है। सूची हमेशा विसंगतियों से भरी रहती है। जिसमें कई तरह की कमियां होती है जिसका खामियाजा शिक्षक भुगतते हैं। इस वर्ष भी रविवार को अतिशेष सूची जारी होने के बाद काउंसलिंग आयोजित की गई। जिसमें विसंगतियों को लेकर तो बात हो ही रही थी।
इसी बीच छात्रों से भरी दो ट्रैक्टर-ट्राली जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय पहुंच गईं। जहां छात्रों ने नारेबाजी की और अपने शिक्षक का ट्रांसफर न किए जाने की बात कही। जिस पर जिला शिक्षा अधिकारी ने आश्वासन दिया कि वो अपने उच्च अधिकारियों से चर्चा करेंगे, लेकिन छात्र नहीं माने।
इस पर जिला शिक्षा अधिकारी ने संयुक्त संचालक को फोन किया और लाउड स्पीकर पर बात की। जिसे छात्रों के अभिभावकों ने भी सुना। संयुक्त संचालक अरविंद चोरगड़े ने कहा कि ट्रासंफर तो होगा यदि छात्र स्कूल नहीं जाएंगे तो स्कूल बंद करवा देंगे। हमारे शिक्षक का ट्रांसफर हो गया है।
वो ऐसे शिक्षक हैं जिन्होंने सरकारी स्कूल में स्मार्ट क्लास बना दी। गांव के दो निजी स्कूल बंद करा दिया। स्कूल में इतनी बेहतर व्यवस्था है कि किसी को निजी स्कूल जाने की जरूरत ही नहीं है, लेकिन यदि हमारे सर का ट्रांसफर हुआ तो सरकारी स्कूल में ताला लग जाएगा। जिसकी जिम्मेदारी जिला शिक्षा अधिकारी की होगी।
कुछ इस तरह की बातें छात्रों ने जिला शिक्षा अधिकारी ने कही। इस पर जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि मेरे हाथ में कुछ नहीं है। मैं जेडी से बात करता हूँ। जिला शिक्षा अधिकारी ने इस संबंध में फोन पर जेडी से बात की, जेडी ने कहा कि ट्रांसफर नहीं रुकेगा चाहे स्कूल में ताला ही क्यों न लगाना पड़े।
मामला सीहोर जिले के ग्राम कोडियाछीतु का है। जहां पदस्थ शिक्षक संजय सक्सेना का नाम अतिशेष सूची में आ गया है। उनका नाम सूची में आने से ग्रामीण नाराज हैं। उनका मानना है कि शिक्षक ने जिले का पहला शासकीय स्कूल बनाया, जिसमें स्मार्ट क्लास है। जहां ई लाइब्रेरी है और कई सुविधाएं हैं।
यहां की मुस्लिम बच्चियों को पहली बार हाई स्कूल तक ले जाने का श्रेय भी शिक्षक संजय सक्सेना को जाता है। बच्चों के पलकों ने बताया कि संजय सर पूरे गांव से जुड़े हैं। उन्हें राज्यपाल पुरुस्कार भी मिला है। बड़ी मुश्किल से अच्छे शिक्षक मिलते हैं। उनका ट्रांसफर नहीं होना चाहिए।
इन मांगों को लेकर बड़ी संख्या में छात्र उनके अभिभावक जिला शिक्षा कार्यालय पहुंचे और नारेबाजी भी की। मामले को लेकर ग्रामीणों ने कहा कि यदि संजय सक्सेना का ट्रांसफर हुआ तो वो स्कूल पर ताला लगा देंगे। साथ ही इस मामले को लेकर भोपाल जाकर अधिकारियों से गुहार लगाएंगे।