सीहोर (नवदुनिया प्रतिनिधि)। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यून की प्रतिबंध का बुधनी विधानसभा में कोई फर्क नहीं पड़ा है। क्षेत्र में खदानों पर रेत माफिया बेखौफ रेत निकाल नर्मदा नदी को छलनी करने का काम कर रहे। जबकि कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर ने 30 जून को रेत खदानों से उत्खनन पर रोक लगा दी है, लेकिन रेत माफिया कश्तियों व ट्रैक्टर-ट्रालियों को नदी के बीच में लेजाकर परिवहन कर रहे हैं। वहीं अवैध व ओवरलोड रेत के परिवहन से बारिश में करोड़ों रुपये की सड़कें खराब हो रही है, लेकिन खनिज विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
रेहटी, भैरुंदा क्षेत्र में 20 से अधिक रेत माफिया सक्रिय हैं, जो बीच नर्मदा में ट्रैक्टर-ट्रॉली ले जाकर रेत निकाल रहे हैं। रात हो या दिन हर व्यक्त यह नजारा देखा जा सकता है। जबकि 30 जून की रात से 1 अक्टूबर तक रेत खदानों से उत्खनन करने पर रोक के आदेश कलेक्टर ने दिए हैं। बावजूद इसके रेत माफिया मनमाने तरीके से बीच नदी में से अवैध खनन व परिवहन कर रहे हैं। इतना ही नहीं अवैध खनन के साथ परिवहन भी जारी है। इतना सब होने के बाद खनिज विभाग जब कार्रवाई करने पहुंचता है, तो रेत माफिया गायब हो जाते हैं। हालांकि पिछले माह जरूर 9 नाव, चार डंपर व ट्रैक्टर पकड़े थे, लेकिन उसके बाद भी अवैध रेत खनन पर अंकुश नहीं लग रहा है।
स्टाक नहीं फिर भी कट रही रायलटी
र्ग्रामीणों का कहना है कि पॉवर मेक कंपनी का रेत का स्टाक नहीं है। इसलिए प्रतिबंध के बाद भी नर्मदा के बीच में उतरकर खनन किया जा रहा है। जगह-जगह रेहटी क्षेत्र में नावों से नदी के बीच में खनन कर ट्रैक्टर-ट्रालियों में रेत भरी जा रहा है। वहीं पॉवर मेक कंपनी स्टाक की रायलटी काट रही है। यही कारण है कि रेत माफिया अवैध परिवहन भी जमकर कर रहे हैं, जिससे क्षेत्र की सड़कें बारिश में बदहाल हो चुकी हैं। ग्रामीण यदि शिकायत करते हैं, तो रेत माफिया व कंपनी के गुर्गे ग्रामीणों पर दबाव बनाते हैं। यदि छापामार कार्रवाई की जाए, तो बड़ी संख्या में डंपर, नाव व ट्रैक्टर-ट्राली अवैध खनन व परिवहन करते मिल सकते हैं।
यदि प्रतिबंध के बाद भी नदी में उतरकर रेत खनन व परिवहन की जा रही है, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। पिछले दिनों भी अवैध खनन व परिवहन करते नाव, डंपर व ट्रैक्टर ट्राली जब्त किए गए थे।
राजेंद्र परमार, जिला खनिज अधिकारी सीहोर