Sarv Pitru Amavasya: सीहोर में आंवलीघाट पर उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, पितरों की याद में किया तर्पण
रात से ही प्रशासन व पुलिस का अमला रहा अलर्ट। कलेक्टर-एसपी सहित अन्य अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे। नर्मदा में जलस्तर अधिक होने के कारण पुलिस, गोताखोरों सहित होमगार्ड जवानों की सुरक्षा के बीच में लोगों को नर्मदा में स्नान कराया गया।
By Ravindra Soni
Edited By: Ravindra Soni
Publish Date: Sun, 25 Sep 2022 04:02:34 PM (IST)
Updated Date: Sun, 25 Sep 2022 04:02:34 PM (IST)
सीहोर, नवदुनिया प्रतिनिधि। पितृमोक्ष अमावस्या पर शनिवार शाम से श्रद्धालुओं का नर्मदा तट के आंवलीघाट पर पहुंचना शुरू हो गया था, जो रविवार शाम तक जारी रहा। इस दौरान जहां रात भर प्रशासन व पुलिस का अमला अलर्ट रहा, वहीं कलेक्टर-एसपी सहित अन्य अधिकारी रातभर जागकर लोगों की सुरक्षा में तैनात रहे। पल-पल की जानकारी लेते रहे, ताकि किसी प्रकार की कोई घटना-दुर्घटना न हो। नर्मदा में जलस्तर अधिक होने के कारण पुलिस, राजस्व अमला, गोताखोरों सहित होमगार्ड जवानों की सुरक्षा के बीच में लोगों को नर्मदा में स्नान कराया गया। वहीं देर रात आंवलीघाट से बड़ी संख्या में श्रद्धालु विजयासन धाम पहुंचना शुरू हो जाएंगे।
नवरात्र से पहले पड़ने वाली पितृमोक्ष अमावस्या को लेकर प्रशासन ने व्यवस्थाएं चाक-चौबंद की थी। सीहोर जिले के आंवलीघाट सहित अन्य नर्मदा तटों पर इसके लिए पुलिस फोर्स के साथ ही गोताखोर, होमगार्ड जवानों की भी तैनाती की गई। आंवलीघाट पहुंचने वाली सड़कों पर जाम न लगे इसके लिए मार्गों को भी वनवे किया गया है, ताकि आने-जाने वाले लोग बिना जाम में फंसे अपने गंतव्य तक पहुंच सकें। लगातार बारिश के कारण नर्मदा नदी में भी ज्यादा पानी है। इसके लिए आंवलीघाट तट स्थित नर्मदा नदी में 10 फीट पर बैरीकेडिंग कर दी गई है, ताकि कोई भी इससे आगे न जा पाएं। श्रद्धालुओं को सुरक्षित रखने के लिए पुलिस के 400 जवानों को तैनात किया गया है, ताकि किसी भी प्रकार की कोई घटना दुर्घटना न हो। आंवलीघाट नर्मदा तट के समीप स्थित गांजिद घाट को इस बार स्नान के लिए पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। दरअसल गांजिद घाट पर कई दर्घटनाएं हो चुकी हैं। इसके लिए इस बार गांजिट घाट को परी तरह प्रतिबंधित किया गया।
पौराणिक महत्व
नवरात्रि से पहले आने वाली अमावस्या को पितृमोक्ष अमावस्या कहते हैं। इस अमावस्या पर सबसे ज्यादा भीड़ सीहोर जिले के आंवलीघाट स्थित नर्मदा तट पर होती है। दरअसल इस तट का पौराणिक महत्व भी बताया जाता है। पितृमोक्ष अमावस्या पर बड़ी तादाद में श्रद्धालु भक्त दूर-दूर से आंवलीघाट तट तक पहुंचते हैं। यहां से स्नान करने के बाद लोग मां विजयासन धाम सलकनपुर भी पहुंचकर मातारानी के दर्शन करते हैं। अमावस्या पर जिन लोगों को बाहरी बाधाएं या इस प्रकार की कोई परेशानियां होती हैं तो वे नर्मदा स्नान करने के लिए आंवलीघाट पहुंचते हैं। इसके अलावा जिन लोगों को कोई देवता या देवी आते हैं वे भी यहां पर स्नान करके अपने सभी वस्त्रों को बदलते हैं एवं नए वस्त्र धारण करते हैं। आंवलीघाट पर यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है। आज भी यहां पर यह सब कुछ होता है।
सलकनपुर से आंवलीघाट वन-वे
पितृमोक्ष अमावस्या पर श्रद्धालु भक्तों की सुविधा को लेकर इस बार पुलिस ने सलकनपुर से आंवलीघाट मार्ग को वन-वे कर दिया, जो लोग सलकनपुर से आवंलीघाट पहुंचे, उन्हें यदि आंवलीघाट से बुदनी जाना है, तो श्रद्धालुओं को नीलकछार वाले मार्ग से जाना पड़ेगा और यदि उन्हें आंवलीघाट से रेहटी व नसरुल्लागंज जाना है तो मरदानपुर जोड़ से होते हुए रेहटी आना होगा।
पार्किंग के लिए बनाए पांच सेक्टर
पुलिस द्वारा वाहनों के लिए इस बार पार्किंग के पांच अलग-अलग सेक्टर बनाए हैं, ताकि लोगों को परेशानियां न आएं और जाम जैसी स्थिति न बनें। इसके लिए आंवलीघाट में नीलकछार रोड, आंवलीघाट के पास, पुल के पास भी पार्किंग बनाई गई है। सभी पार्किंगों के लिए अलग-अलग प्रभारी भी बनाए गए हैं। इसके अलावा लोगों की सुरक्षा को देखते हुए जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं, ताकि हर व्यक्ति पर नजर भी रखी जा सके।