नईदुनिया, चित्रकूट। चित्रकूट में शुक्रवार से गधों का मेला शुरू हुआ। यहां एक लाख से अधिक कीमत के गधे बिकने आए हैं। सबसे ज्यादा कीमत सवा लाख है, जिसे खरीदार का इंतजार है।
पहले ही दिन मेले में 50 से अधाक गधे-खच्चर बिके, जिनमें सबसे महंगा 80 हजार कीमत का गधा बिका। मुगल शासक औरंगजेब के जमाने से चला आ रहा गधों- खच्चरों का ऐतिहासिक मेला चित्रकूट में इस बार फिर सजा है।
चित्रकूट में मंदाकिनी के तट पर गधों का यह मेला मुगल शासक औरंगजेब के शासन काल से लगता आ रहा है। कहा जाता है कि औरंगजेब जब भारत के मंदिरों को तहस नहस कर लूटपाट कर रहा था, तो उसने अपनी सेना का लश्कर चित्रकूट में मंदाकिनी तट पर डाला था।
उसने चित्रकूट में मतगजेंद्र नाथ स्वामी मंदिर पर हमला भी किया था, लेकिन इसके बाद उसका लश्कर तबाह हो गया था। तब उसने चित्रकूट में मंदिर बनवाया था और गधों का मेला लगवाया था। औरंगजेब के बनवाया सम्भवतः यह भारत का पहला मंदिर है।
(चित्रकूट का मतगजेंद्र नाथ स्वामी मंदिर)
सिवनी नगर के हृदय स्थल प्रायवेट बस स्टेंड स्थित भगवान श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में 28 अक्टूबर कार्तिक कृष्ण पक्ष एकादशी से पांच दिवसीयस दीपोत्सव जारी रहा। दो नवंबर को अन्नकूट पूजन (गोवर्धन पूजन) के साथ ही शाम 7.30 बजे से मंदिर परिसर में नगर भोज का आयोजन किया गया था।
मंदिर समिति सदस्यों ने बताया कि धार्मिक आयोजन में प्रतिदिन भगवान श्री लक्ष्मीनारायण का दिव्य श्रृंगार व पूजन किया जाता है। एक नवंबर को सुबह 7.30 बजे भगवान लक्ष्मी नारायण का सहस्त्रार्चन किया गया।
दो नवंबर को अन्नकूट पूजन सुबह 7.30 बजे से भगवान सत्यनारायण कथा, आरती व प्रसाद वितरण, शाम को नगर भोज भंडारा, महाप्रसाद वितरण के साथ पांच दिवसीय दीपोत्सव पर्व का समापन हुआ।
पांच दिवसीय पूजन भगवान श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर के प्रधान पुजारी पं. हेमंत त्रिवेदी, राजेश मिश्र द्वारा कराया गया। अधिक से अधिक संख्या में भक्तों से पहुंचकर पुण्यलाभ अर्जित करने की अपील की थी।