नईदुनिया,सतना (Dr Mohan Yadav In Chitrakoot)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पत्नी सीमा के साथ चित्रकूट की परिक्रमा की। यहां वे एक चाय की दुकान में पहुंचे। उन्होंने अदरक कूटा और फिर चाय बनाई। तभी उनकी पत्नी ने कहा, मुझे तो कभी चाय बनाकर नहीं पिलाई। इस पर सीएम बोले- ये हमारी बहन है तुम थोड़ी हो। बहन के लिए चाय बनाएंगे।
दरअसल, मुख्यमंत्री ने राधा बाई उर्फ ममता सोनी की चाय दुकान पर पहुंच गए। उन्होंने गैस चूल्हे पर चाय चढ़ाई। फिर अदरक कूटकर डाली। उनकी पत्नी सीमा ने भी सहयोग किया। इसके बाद सीएम ने वहां मौजूद लोगों को चाय छानकर पिलाई। चाय पिलाने के बाद उन्होंने राधा को चाय के 100 भी दिए।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अपने दो दिवसीय प्रवास पर गत शनिवार को शाम चित्रकूट पहुंचने के बाद दीनदयाल शोध संस्थान के रामनाथ आश्रम शाला चित्रकूट में अध्ययनरत वनवासी छात्र-छात्राओं से स्नहेपूर्ण वातावरण में आत्मीयता से बातचीत की एवं विद्यालयीन छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत किये गये लोकनृत्य एवं बुन्देलखण्डी दिवारी नृत्य का मनोयोग के साथ आनंद लिया।
छात्रों द्वारा प्रस्तुत किये गये दिवारी नृत्य में अपनी भी सहभागिता निभाते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बच्चों के साथ लाठी भांजने की कला का प्रदर्शन भी किया। मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी सीमा यादव भी कार्यक्रम में उपस्थित थी। कार्यक्रम के प्रारंभ में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भारत रत्न नानाजी देशमुख के चित्र पर पुश्पांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अवसर पर वोकल फॉर लोकल को प्रोत्साहन देने की बात कही। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर दीपावली के लिए (दीया-बाती, श्रंगार एवं अन्य) सामग्री तैयार कर बाजार में बेचने वाले व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाये।
मुख्यमंत्री ने वनवासी छात्रावास के छात्र-छात्राओं से परिचय प्राप्त किया तथा उनसे भविष्य में क्या करोगे तथा क्या बनोगे की जानकारी भी ली। मुख्यमंत्री ने कक्षा 7वीं के चौरई निवासी सुमित सिंह से पूछा कि आपके कितने भाई-बहन है और क्या बनोगे। सुमित ने बताया कि हम डॉक्टर बनेंगे, कक्षा दूसरी की छात्रा कु. सोनाली से मुख्यमंत्री ने पूछा कि क्या बनोगी, तो उसने बताया कि डाक्टर बनूंगी।
बरूआ निवासी कक्षा 5वीं की छात्रा सलोनी से माता-पिता का नाम पूछा और आप कितने भाई-बहन हों और भविष्य में क्या बनोगी तो उसने बताया कि मैं मास्टर बनूंगी। इसी प्रकार कक्षा 10वीं के छात्र जो ग्राम बरूआ निवासी से पूछा कि कितने वर्ष से इस स्कूल में पढ रहे हो, तो उसने बताया कि 10 वर्ष से इस स्कूल में पढ रहा हूं।
मुख्यमंत्री ने पूछा कि क्या बनना चाहते हों तो उसने बताया कि हम इंजीनियर बनना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने पूछा कि इंजीनियर क्यों बनना चाहते हों तो छात्र ने बताया कि देश की सेवा करने तथा गांव का विकास करने के लिए इंजीनियर बनना चाहता हूं। यह सुनकर मुख्यमंत्री ने सभी छात्र-छात्राओं की दिल से भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि मुझे इस आश्रम विद्यालय में आकर बहुत अच्छा लगा।
मुख्यमंत्री बोले- छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत समूह गान, लोक नृत्य तथा बुन्देलखण्डी दिवारी नृत्य प्रस्तुत करने वाले छात्र-छात्राओं से बेहद प्रसन्न होकर विद्यालय में अध्ययनरत सभी 180 छात्र-छात्राओं को दीपावली के उपलक्ष्य में एक-एक हजार रुपये तक का उपहार देने के लिए दीनदयाल शोध संस्थान की आश्रम शाला के प्रबंधन को निर्देशित किया।
आश्रम शाला के प्राचार्य से विद्यालय में किस चीज की आवश्यकता के वस्तुओं की जानकारी मुख्यमंत्री ने ली। विद्यालय के प्राचार्य संतराम यादव ने बताया कि छात्र-छात्राओं के लिए बर्तन एवं रजाई-गद्दों की आवश्यकता है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी आवश्यकताओं की सूची बनाकर अनुमानित व्यय का एस्टीमेट बनाकर दें। विद्यालय की सभी आवश्यकताओं की पूर्ति की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने छात्र-छात्राओं से कहा कि खाने में क्या पसंद है तो छात्र-छात्राओं ने कहा कि लड्डू-मिठाई पसंद है इस पर मुख्यमंत्री ने कलेक्टर अनुराग वर्मा को बुलाकर कहा कि रविवार को आश्रम शाला में अध्ययनरत सभी छात्र-छात्राओं को लड्डू-मिठाई बंटवाना सुनिश्चित करें।