Sagar News सागर (नवदुनिया प्रतिनिधि)। जिले की बदहाल सड़कों से जिले के लोग परेशान हो रहे हैं। प्रदेश के तीन मंत्रियों और एक केंद्रीय मंत्री वाले जिला मुख्यालय में स्मार्ट सिटी द्वारा निर्माणाधीन सड़कों में धूल उड़ रही है। कुछ सड़कों में महीनों से काम चल रहा है तो कुछ में एक इंच काम नहीं हुआ पर सड़क महीनों से बंद पड़ी है। यहां लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को इसकी कोई परवाह नहीं है।
शहर की जर्जर सड़कों के कारण राहगीरों का पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। झील किनारे सड़क लंबे समय से खुदी पड़ी है, लेकिन प्रशासन का पूरा ध्यान एलिवेटेड कारिडोर के उद्घाटन में ही है, जिससे यहां से गुजरने वाले राहगीरों के लिए धूल और मिट्टी से होकर गुजरना पड़ रहा है। कई राहगीर धूल के कारण परेशान हो रहे हैं और वाहन फिसलने की घटनाएं भी सामने आ रही हैं, लेकिन निगम प्रशासन के अधिकारियों द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
इस सड़क में भी कछुआ गति से निर्माण कार्य किया जा रहा है, जिससे दोपहर के समय यहां से गुजरने वाले लोगों को वाहनों के लंबे जाम का सामना करना पड़ रहा है। संगीत महाविद्यालय के पास वाला रास्ता छह माह से बंद संगीत महाविद्यालय के बाजू वाले रास्ते में महीनों से निर्माण कार्य चल रहा है। यहां पाइप डालकर रास्ता कुछ दिनों के लिए बंद किया गया था, लेकिन अब इस रास्ते को बंद हुए करीब छह माह से ज्यादा समय हो गया है।
यह रास्ता जैन हाई स्कूल, एमएलबी स्कूल, एक्सीलेंस स्कूल एवं डिग्री कालेज और संगीत महाविद्यालय को जोड़ता है, लेकिन इस मुख्य मार्ग को इतने लंबे समय से बंद रखने से राहगीरों के लिए असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। निगम के अधिकारी यहां सड़क चौड़ीकरण का हवाला देते हैं, लेकिन यहां महीनों से एक इंच निर्माण भी नहीं हो सका है।
डिग्री कालेज चौराहे से कलेक्टर बंगला की ओर जाने वाला रास्ता भी महीनों से बंद पड़ा हुआ है। बस स्टैंड के पास जाम लगने की स्थिति में यहां से कई स्कूलों के विद्यार्थी और शुक्रवारी, शनीचरी जाने वाले लोग निकलते हैं, लेकिन यह रास्ता भी लंबे समय से निर्माण कार्य के चलते बंद पड़ा है। इस सड़क में अब भी दोनों ओर सड़क खुदी पड़ी है।
पीली कोठी होते हुए कुछ लोग निकल सकते थे, लेकिन यहां भी सड़क को अधूरा छोड़ दिया गया है और जल्द यह निर्माण पूरा हो सके इस ओर अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। वहीं तिली तिराहा से राजघाट की ओर जाने वाला रास्ता भी बदहाल पड़ा है, जबकि यहां महीनों पहले निगम द्वारा मकानों में तोड़फोड़ तक की जा चुकी है।
शहर की सड़कों को लेकर जिले में लगातार प्रदर्शन भी होते रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी कार्यों में तेजी नहीं आई है। जर्जर रास्तों के कारण सबसे ज्यादा आटो चालकों को परेशानी होती है और वाहनों में टूट फूट होने के कारण वह यूनियन के अध्यक्ष पप्पू तिवारी के नेतृत्व में संभाग आयुक्त तक ज्ञापन सौंप चुके हैं। वहीं आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा संजय ड्राइव में कीचड़ स्नान कर विरोध जताए जाने के बाद जल्द से जल्द इस सड़क का निर्माण तो हुआ, लेकिन इस सड़क में भी एक साल के अंदर गड्ढ़े हो गए हैं।
मोतीनगर से धर्मश्री रोड में भी कई जगह सीमेंट की सड़क पर डामर से मरम्मत की गई है। राहगीर कमलेश तिवारी का कहना है कि बस स्टैंड व एक्सीलेंस स्कूल के पास वाले रास्ते का जल्द निर्माण पूरा कर उसे खोलना चाहिए, क्योंकि यहां कई लोगों को स्कूल घूमकर जाना पड़ता है। वहीं आशीष कुमार का कहना है कि इस रास्ते से एमब्यूलेंस चालकों को भी गोपालगंज होते हुए निकलना पड़ रहा है, जिससे काली तिगड्डा के पास कई बार उन्हें जाम से भी जूझना पड़ता है।
शहरवासियों ने निगम प्रशासन व स्मार्ट सिटी के अधिकारियों से बंद रास्तों को खोलकर वाहन चालकों के निकासी की वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग की है। फोटोसागर। बस स्टैंड के पास तीन स्कूलों व दो महाविद्यालय को जोड़ने वाला रास्ता करीब छह माह से बंद पड़ा है।