Sagar News: सागर (नवदुनिया प्रतिनिधि)। राहतगढ़ नगर में तीन महिने से खसरे की बीमारी फैली हुई है। अब तक दो सौ से अधिक संदिग्ध मरीज मिले हैं। इनमें से 15 बच्चों में बीमारी की पुष्टि हुई है। वहीं तीन बच्चे ऐसे थे, जो खसरा से ठीक हो गए थे, लेकिन बाद में उल्टी-दस्त होने पर उन्हें सागर में भर्ती कराया गया था। इन बच्चों ने अप्रैल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
इधर, लगातार खसरे के संदिग्ध मरीज मिलने पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा अभियान चलाकर घर-घर बच्चों को टीके लगाए जा रहे हैं और दवाइयां दी जा रही हैं।
राहतगढ़ के ब्लाक मेडिकल आफिसर (बीएमओ) डा विकास फुसकेले का कहना है कि राहतगढ़ में खसरे की आशंका के चलते 16 से 24 अप्रैल तक अभियान चलाकर बच्चों को टीके लगाए गए। शुक्रवार को भी सागर से बाल्य रोग विशेषज्ञों की टीम आई है, जो बच्चों की जांच कर रही है।
डा. फुसकेले के मुताबिक जिन तीन बच्चों की उपचार के दौरान सागर मुख्यालय पर मौत हुई। उन्हें ढाई महीने पहले खसरा हुआ था। बाद में उल्टी-दस्त की शिकायत पर स्वजन अलग-अलग अस्पतालों में ले गए थे, जहां उनकी मौत हुई है। बीएमओ का कहना है कि अब तक 210 संदिग्ध मरीज मिले हैं। इनमें से 15 बच्चों में खसरा होने की पुष्टि हुई है।
डा. विकास फुसकेले के मुताबिक खसरा रोग संक्रामक वायरस के कारण होने वाला एक संक्रमण रोग है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बड़ी आसानी से फैल सकता है। खसरा होने पर इसमें पूरे शरीर पर लाल चकत्ते उभर आते हैं। खसरा होने पर यह लाल दाने शरूआत में सिर पर होते हैं और फिर धीरे-धीरे पूरे शरीर पर फैल जाते हैं। खसरा रोग को रूबेला भी कहा जाता है। खसरा का वायरस सबसे पहले श्वसन तंत्र को संक्रमित करता है। हालाँकि, यह अंततः रक्तप्रवाह के माध्यम से शरीर के अन्य भागों में फैल जाता है। खसरा केवल मनुष्यों में होता है, इसके अलावा यह किसी भी दूसरे जीव में नहीं होता। विश्व भर में ऐसे 24 ज्ञात अनुवांशिक प्रकार के खसरे भी हैं जिससे यह मालूम होता यह एक अनुवांशिक रोग भी हो सकता है, हालाँकि वर्तमान समय में केवल 6 अनुवांशिक प्रकार के खसरे ही मौजूद हैं।
ये हैं लक्षण ..
- सामान्य से तेज बुखार आना
- सूखी खांसी होना
- लगातार नाक बहना
- गले में खराश बने रहना
- आंखों में सूजन आना
- गाल की अंदरूनी परत पर मुंह के अंदर पाए जाने वाले लाल रंग की पृष्ठभूमि पर नीले-सफेद केंद्रों वाले छोटे सफेद धब्बे-जिन्हें कोप्लिक स्पाट भी कहा जाता है।
- बड़े, चपटे धब्बों से बना एक त्वचा लाल चकत्ते जो अक्सर एक दूसरे में प्रवाहित होते हैं।