सागर (नवदुनिया प्रतिनिधि)। Kargil Vijay Diwas: कारगिल युद्ध में भारतीय सेना की जीत का जश्न देशभर में मनाया जाता है। 26 जुलाई को इस साल जीत को 24 साल हो गए। कारगिल युद्ध में महार रेजिमेंट के 24 जवानों ने हिमालय की चोटियों पर अपना शौर्य दिखाया था। इसकी यादें अब महार रेजिमेंट में रखी हैं। वर्तमान में एमआरसी संग्रहालय का पुर्ननिर्माण चल रहा है, इसीलिए जीत के दौरान लाया गया सामान सुरक्षित रख दिया गया है। जिसे संग्रहालय के पुर्ननिर्माण के बाद पुन: सजाकर रखा जाएगा।
महार जवानों की वीरता की निशानी के तौर पर अब रेजिमेंट सेंटर में म्यूजियम मैदान में पाकिस्तानी सेना के बंकर को देखा जा सकता है। यह ऊष्मारोधी बंकर है, जो सियाचिन की बर्फीली हवाओं वाली चोटियों पर पाकिस्तानी जवानों को शरण देता था। युद्ध के दौरान महार के जवानों ने पाक सैनिकों को खदेड़कर इस बंकर पर कब्जा जमाया था और बाद में इसीलिए भारतीय सेना की ओर से इस जब्त किए गए बंकर को महार रेजिमेंट सेंटर को सौंप दिया गया था।
महार के लड़ाकों ने करगिल फतह के लिए मशखोह घाटी में मोर्चा संभाला और गोलाबारी कर पाकिस्तानी सेना को पटखनी दी। घबराकर जब पाक फौजी मोर्चा छोड़कर भाग रहे थे तो उनमें पाक सेना का लेफ्टिनेंट मंजूर कादिर भी शामिल था। कादिर इतना डर गया था कि अपना सामान, वर्दी, हथियार भी छोड़ गया था। वहां से जब्त की गई पाक सैन्य अफसर की वर्दी, हथियार, पत्नी को लिखे गए कुछ खत भी महार रेजिमेंट के म्युजियम में रखी गई हैं।
महार रेजिमेंट की बटालियनों के जवानों ने करगिल युद्ध में भारत माता की जय के घोष के साथ सीने पर गोलियां झेलते हुए अपनी जान दे दी थी। सबसे ज्यादा शहीद 12-महार के दस जवान नायक राठौर मुकेश कुमार रमनिक, नायक सच्चिदानंद मलिक, सिपाही अमरेश पाल, सिपाही बरियावाला भाई, सिपाही हरेन्द्र गिरी गोस्वामी, सिपाही दिनेश भाई, लांस नायक कांति भाई कतवाला, नायक श्रीनिवास पात्रो सिंघा, सिपाही हरिकिशन राम, नायक रजत भाई रुमाल, 9-महार के आठ जवान मेजर मनोज तलवार, कैप्टन करम सिंह, हवलदार सुरेश गनपति चावन, नायक रामफल, नायक बृह्मदास, सिपाही प्रेमपाल सिंह, सिपाही रमन सिंह, 19-महार के 6 जवान सिपाही हरिदर्शन नेगी, सिपाही रस्ते वजीर दत्तात्रेय, सिपाही सुनील कुमार, लांस नायक हरिश्चंद्र सिंह, सिपाही श्यामपाल खन्ना के नाम शामिल हैं।